एशिया के सबसे अमीर इंसान और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी फिर चर्चा में हैं. दरअसल, उनकी कंपनी रिलायंस पावर में बड़ी उथल-पुथल मची है. बीते शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने PMLA-2002 के प्रावधानों के तहत R-Power CFO अशोक कुमार पाल को गिरफ्तार किया था. इसके बाद अब कंपनी की ओर से बताया गया है कि उन्होंने कार्यकारी निदेशक और सीएफओ का पद छोड़ दिया है. इसका असर सप्ताह के पहले दिन शेयर मार्केट में कारोबार के दौरान रिलायंस पावर के शेयर पर देखने को मिल सकता है.
रिलायंस पावर ने एक्सचेंज को दी जानकारी
पहले गिरफ्तारी और फिर इस्तीफा, रिलायंस पावर पर ईडी के एक्शन के बाद से ही इस कंपनी का शेयर भी सुर्खियों में है और सोमवार को इस पर असर देखने को मिल सकता है. ईडी ने गिरफ्तार करने के बाद अशोक कुमार पाल को शनिवार को एक अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 2 दिन की ईडी हिरासत में भेजा गया.
पीटीआई की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि एजेंसी रिमांड पीरियड खत्म होने के बाद अब 13 अक्टूबर को उन्हें एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश करेगी. मैनेजमेंट में मची इस हलचल के बीच रिलायंस पावर की ओर से स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कहा गया कि इस मामले के लंबित रहने और जांच में सहयोग के लिए अशोक कुमार पाल ने तत्काल इस्तीफा दिया है.
68.2Cr की फर्जी बैंक गारंटी का मामला
गौरतलब है कि ईडी ने अशोक कुमार पाल की गिरफ्तारी फर्जी बैंक गारंटी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत की थी, जो 68.2 करोड़ रुपये का है. जांच में सामने आया कि ओडिशा की कंपनी ‘बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड’ 8 फीसदी कमीशन लेकर फर्जी बैंक गारंटी बना रही थी. यह कंपनी सिर्फ कागजों में मौजूद है और इसका कोई वजूद नहीं है. सूत्रों के अनुसार, अशोक को गुरुवार रात को दिल्ली के उनके दफ्तर से पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया है. प्रवर्तन निदेशालय के इस एक्शन को अनिल अंबानी के बिजनेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.
शेयर की तूफानी तेजी पर लगेगा ब्रेक?
अनिल अंबानी की कंपनी का शेयर (Reliance Power Stock), ईडी के इस एक्शन के बाद से ही फोकस में और सोमवार को बाजार में कारोबार ओपन होने के साथ ही इसका असर शेयर पर देखने को मिल सकता है. इससे पहले बीते शुक्रवार को रिलायंस पावर स्टॉक तूफानी तेजी के साथ कारोबार करते हुए बंद हुआ था. ये कारोबार के दौरान 10% से ज्यादा उछला था, लेकिन अंत में 8.48% की बढ़त लेकर 48.22 रुपये पर क्लोज हुआ था.
शेयर में तेजी के चलते कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन भी उछलकर 20140 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. बता दें कि ये अनिल अंबानी स्टॉक अपने निवेशकों के लिए मल्टीबैगर साबित हुआ है. इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि रिलायंस पावर शेयर ने बीते पांच साल में निवेशकों को 1790.98 फीसदी का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है.
(नोट- शेयर बाजार में किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें.)
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