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मुहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा को बताया फेक न्यूज, भारत पर लगाए झूठे आरोप – bangladesh chief adviser muhammad yunus hindu violence fake news india ntc


जिस देश की वजह से बांग्लादेश 1971 में वजूद में आया, आज उसी देश पर उसके मुख्य सलाहकार झूठ बोलने का आरोप लगा रहे हैं. बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने कहा कि उनके देश में हिंदू समुदाय के लोगों पर हमले की खबरें झूठी हैं. उन्होंने इसका दोष भारत पर मढ़ा है.

अमेरिकी पत्रकार मेहदी हसन के साथ बातचीत में यूनुस ने कहा, ‘अभी भारत की एक खासियत है झूठी खबरें फैलाना. झूठी खबरों की बारिश हो रही है.’

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार ने दावा किया कि उनके देश में हिंदुओं के साथ कोई खास हिंसा नहीं हो रही है. उनके मुताबिक पड़ोसियों के बीच जमीन की बंटवारे और दूसरे स्थानीय मामलों को लेकर सामान्य झगड़े होते रहते हैं, लेकिन इन्हें धर्म के नाम पर रंग नहीं देना चाहिए.

अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्टों को नकारा

शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की कई अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्टें आई थीं. यूनुस ने इन सभी को खारिज कर दिया.

यूनुस ने कहा, ‘सरकार इस मामले में बहुत सावधान है क्योंकि यह एक ऐसी चीज है जिसे भारत हमेशा आगे बढ़ाता है कि हम दबाव बना रहे हैं.’

ट्रंप की टिप्पणी पर जवाब

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूनुस सरकार के हिंदुओं के साथ व्यवहार को ‘बर्बर’ कहा था. इस पर यूनुस ने सवाल उठाया कि क्या ट्रंप ने वाकई ऐसा कुछ कहा था और क्या उन्हें बांग्लादेश में हो रही चीजों की जानकारी है.

हिंदुओं का विरोध प्रदर्शन

बांग्लादेश में रह रहे हिंदू समुदाय के लोग हिंसा के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतरे थे. लगभग 30,000 हिंदुओं ने ढाका की सड़कों पर मार्च निकाला था. उन्होंने यूनुस सरकार से सुरक्षा की मांग की थी और कहा था कि उन पर बार-बार हमले हो रहे हैं.

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प्रदर्शनकारियों ने हिंदू नेताओं पर लगे देशद्रोह के मुकदमे वापस लेने की भी मांग की थी. इसमें चिन्मय कृष्ण दास नाम के एक हिंदू संत भी शामिल थे, जिनकी गिरफ्तारी से भारत में भी हंगामा हुआ था.

हिंदुओं से अपील

यूनुस ने बांग्लादेश के हिंदुओं से अपील की कि वे खुद को सिर्फ हिंदू न समझें बल्कि बांग्लादेशी नागरिक समझें, ताकि वे अकेला महसूस न करें.

उन्होंने कहा, ‘जब मैं उनसे मिलता हूं तो मेरा संदेश यह होता है कि वापस जाकर यह न कहें कि मैं हिंदू हूं, इसलिए मेरी रक्षा करो. हमेशा कहें कि मैं इस देश का नागरिक हूं. मुझे वह सारी सुरक्षा मिलने का हक है जो राज्य को देनी चाहिए। इससे आपको ज्यादा सुरक्षा मिलेगी.’

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