उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने 21 सितंबर 2025 को आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया है. आयोग द्वारा शनिवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति (संख्या–394/गोपन/2025-26) के अनुसार, परीक्षा के दौरान पेपर लीक और सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्र वायरल होने की शिकायतों की जांच के बाद यह फैसला लिया गया है.
आयोग ने बताया कि परीक्षा के बाद से ही कुछ व्हाट्सऐप और सोशल मीडिया ग्रुप्स पर पेपर वायरल होने की सूचनाएं सामने आई थीं। इस मामले की प्रारंभिक जांच आयोग द्वारा गठित टीम ने की, जिसमें गड़बड़ी की पुष्टि हुई. इसके बाद आयोग ने 8 अक्टूबर 2025 को बैठक कर परीक्षा को निरस्त करने का प्रस्ताव पारित किया.
तीन माह के भीतर परीक्षा पुनः आयोजित की जाएगी
आयोग सचिव डॉ. शिव कुमार बर्नवाल द्वारा हस्ताक्षरित आदेश में कहा गया है कि परीक्षा की शुचिता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है. आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि नई परीक्षा तीन माह के भीतर पुनः आयोजित की जाएगी.
प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि आयोग इस पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर करेगा, ताकि दोषियों की पहचान की जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
गौरतलब है कि इस परीक्षा में प्रदेशभर से लगभग 1.5 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया था. आयोग ने सभी अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी होने वाली सूचनाओं पर ही भरोसा करें.
आयोग ने यह भी कहा है कि राज्य सरकार और आयोग, परीक्षाओं की विश्वसनीयता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं.
एसआईटी ने मुख्यमंत्री को सौंपी रिपोर्ट
पेपर लीक मामले की जांच के लिए गठित एकल सदस्यीय जांच आयोग की निगरानी सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी कर रहे थे. इस आयोग ने कम समय में व्यापक जनसुनवाई की और अभ्यर्थियों सहित संबंधित पक्षों से सुझाव लिए। रविवार को आयोग ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी.
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