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Premanand Maharaj: ‘क्या ऑफिस से झूठ बोलकर छुट्टी लेना पाप है?’ जानें प्रेमानंद महाराज का जवाब – premanand maharaj is it a sin to take leave from office by lying tvisu


Premanand Maharaj: वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज के वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल होते हैं. यही कारण है कि देश के कोने-कोने से लोग उनके दर्शन करने वृंदावन स्थित धाम पहुंचते हैं. आम लोगों के अलावा कई नामचीन हस्तियां भी प्रेमानंद महाराज के दरबार में नतमस्तक दिखाई देती हैं. ऐसे में कई बार लोग प्रेमानंद जी से कुछ अनोखे सवाल पूछ बैठते हैं, जिनका जवाब देते हुए खुद प्रेमानंद महाराज के चेहरे पर हंसी आ जाती है. हाल ही में प्रेमानंद जी के दरबार में एक शख्स ने ऐसा ही सवाल पूछ लिया.

दरअसल एक व्यक्ति ने प्रेमानंद महाराज से कहा, ‘मैं एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूं. कई बार वहां जरूरी काम के कारण भी छुट्टी नहीं मिलती है. लेकिन जब दादी, फूफा या किसी अन्य रिश्तेदार की मौत का बहाना बनाओ तो तुरंत छुट्टी मिल जाती है.’

व्यक्ति ने आगे बताया कि ऑफिस में सच बोलकर छुट्टी मांगो तो नहीं मिलती है. लेकिन झूठ बोलकर छुट्टी मांगो तो तुरंत मिल जाती है. इसी में एक अन्य व्यक्ति ने जोड़ते हुए कहा, ‘अगर हर डेढ़ महीने में वृंदावन जाने के लिए छुट्टी मांगो तो कभी नहीं मिलेगी. मैं आज भी ऑफिस में झूठ बोलकर ही यहां आया हूं. तो क्या झूठ बोलकर छुट्टी लेना पाप है?’

इस सवाल का जवाब देने से पहले प्रेमानंद महाराज जोर से हंस पड़े और फिर बोले कि ये कलियुग का प्रभाव है- ‘झूठइ लेना झूठइ देना, झूठइ भोजन झूठ चबेना.’ लेकिन चाहे कुछ भी हो जाए, झूठ बोलना तो पाप ही है. इसके बाद प्रेमानंद महाराज ने एक श्लोक कहा, ‘सांच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप, जांके हृदय ताप है. तांके हृदय आप.’ इसका अर्थ है- सच्चाई के बराबर कोई तपस्या नहीं है और झूठ के बराबर कोई पाप नहीं है. जिसके मन में सच्चाई बसती है. उसी के मन में भगवान निवास करते हैं.

प्रेमानंद जी ने आगे कहा कि हमें समस्याओं से लड़ना चाहिए. हमें हर पल सत्य के मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए. जीवन के हर मोड़ पर झूठ से बचने की कोशिश करें. हालांकि भजन, धाम और भगवत प्राप्ति के लिए झूठ बोलना, झूठ नहीं होता है. यदि हम भगवान की पूजा-अर्चना या उनके दर्शन के लिए कोई झूठ बोल देते हैं तो इसमें कोई समस्या नहीं है. लेकिन हमें सांसारिक कार्यों के लिए कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए.

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