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मुंबई: मोम के कैप्सूल में गोल्ड रखकर खा लेते थे… 13 करोड़ के सोने की फिल्मी स्टाइल में तस्करी की कहानी – mumbai airport gold smuggling dri operation golden sweep lclnt


राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर चल रहे अंतरराष्ट्रीय सोना तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस ऑपरेशन को नाम दिया गया है – “ऑपरेशन गोल्डन स्वीप”.

इस कार्रवाई में DRI की टीम ने 10.5 किलो 24 कैरेट विदेशी सोना बरामद किया है, जिसकी कीमत करीब 12.58 करोड़ रुपये बताई जा रही है. इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें दो बांग्लादेशी, छह श्रीलंकाई नागरिक, दो एयरपोर्ट स्टाफ (मीट-एंड-ग्रीट सर्विस से जुड़े), दो हैंडलर और एक मास्टरमाइंड शामिल हैं.

कैसे करते थे तस्करी?
जांच में खुलासा हुआ है कि यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का संगठित गिरोह था, जो बेहद चालाकी से सोने की तस्करी कर रहा था. तस्कर दुबई से सिंगापुर, बैंकॉक और ढाका जाने वाले ट्रांजिट यात्रियों को कैरियर की तरह इस्तेमाल करते थे.

ये यात्री सोने को मोम से बने अंडाकार कैप्सूल के अंदर छिपाकर अपने शरीर में रखकर लाते थे. मुंबई पहुंचने के बाद, ये ट्रांजिट पैसेंजर एयरपोर्ट के अंतरराष्ट्रीय डिपार्चर एरिया में मौजूद अपने साथियों, एयरपोर्ट स्टाफ को सोना सौंप देते थे. एयरपोर्ट स्टाफ इस सोने को गुपचुप तरीके से बाहर निकालकर हैंडलर्स और रिसीवर्स तक पहुंचाते थे, जो आगे मास्टरमाइंड के संपर्क में रहते थे.

कैसे काम करता था गिरोह का नेटवर्क?
यह नेटवर्क मुंबई और दुबई में बैठे सरगनाओं द्वारा संचालित किया जा रहा था. इसमें कई परतों में लोग शामिल थे. ट्रांजिट कैरियर, एयरपोर्ट कर्मचारी, हैंडलर और रिसीवर, जिससे पुलिस को पकड़ना मुश्किल हो सके. यह भी सामने आया कि तस्करी गिरोह अब एयरपोर्ट जैसे संवेदनशील इलाकों के अंदर काम करने वाले कर्मचारियों को भी अपने नेटवर्क में शामिल कर रहे हैं, जिससे अंदरूनी खतरा बढ़ता जा रहा है.

DRI अब इस गिरोह के अन्य अंतरराष्ट्रीय कनेक्शनों और मनी ट्रेल की जांच कर रही है. एजेंसी ने कहा है कि वह देश की आर्थिक सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए ऐसी तस्करी करने वाले नेटवर्क पर लगातार सख्त कार्रवाई जारी रखेगी.

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