दिल्ली के जंगपुरा इलाके में हुई 30 लाख रुपए की चोरी का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है. पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले में एक ऐसे आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो अपनी पत्नी का हत्यारा रह चुका है. 52 वर्षीय मोहम्मद नजरान का नाम सामने आते ही पुलिस भी चौंक गई, क्योंकि इसे बेंगलुरु में पत्नी की हत्या के आरोप में साल 2007 में दोषी ठहराया गया था. 13 साल जेल में बिताने के बाद साल 2019 में उसको रिहा किया गया था.
दक्षिण-पूर्वी जिले के डीसीपी हेमंत तिवारी ने बताया कि जंगपुरा के भोगल इलाके में रहने वाले जुनैद खान ने 21 सितंबर को पुलिस को चोरी की सूचना दी थी. जुनैद रात में घर लौटे तो उनके होश उड़ गए. मुख्य दरवाजे का ताला टूटा था, घर में सबकुछ अस्त-व्यस्त पड़ा था. उन्होंने बताया कि सोने के गहने, 1600 कतरी रियाल, पासपोर्ट और कई जरूरी दस्तावेज गायब थे. सूचना मिलते ही हजरत निजामुद्दीन पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया.
पुलिस की एक टीम ने इस मामले की जांच शुरू कर दी. जांच के दौरान पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज मिला, जिसमें दो संदिग्ध देर रात शिकायतकर्ता के घर में घुसते दिखाई दे रहे थे. इन सुरागों के आधार पर पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस के जरिए दरियागंज तक उनका पीछा किया. पुलिस ने जाल बिछाकर मोहम्मद नजरान को जामा मस्जिद इलाके से गिरफ्तार कर लिया. उसके दो साथी फरार हैं. उसके पास से चोरी का एक लॉकेट बरामद किया गया है.
पुलिस की पूछताछ में अपराधी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. उसने बताया कि साजिश उसने अपने साथी अरमान के साथ मिलकर रची थी. दोनों ने चोरी किए गए गहने अरमान के साले अक्षय को सौंप दिए थे, जो गोकलपुरी में सुनार का काम करता है. अक्षय का काम चोरी के गहनों को पिघलाकर ठिकाने लगाना था. नजरान का आपराधिक रिकॉर्ड बेहद लंबा है. साल 2007 में उसने बेंगलुरु में अपनी पत्नी की हत्या की थी, जिसके बाद उसे दोषी ठहराया गया था.
अदालत ने मोहम्मद नजरान को 13 साल की सजा सुनाई थी. सजा पूरी करने के बाद जब वह 2019 में जेल से बाहर आया तो फिर से जरायम की दुनिया में लौट गया. हाल ही में उसके खिलाफ कोतवाली थाना क्षेत्र में आर्म्स एक्ट के तहत भी एक मामला दर्ज किया गया था. फिलहाल पुलिस फरार आरोपियों अरमान और अक्षय की तलाश में छापेमारी कर रही है. इसके साथ ही चोरी की शेष संपत्ति बरामद करने की कोशिशें भी जारी हैं. नजरान फिलहाल हिरासत में है.
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