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14 महीनों से नहीं देखी धूप…. ट्रंप को पछाड़ शांति का नोबेल जीतने वाली मारिया क्यों हुईं छिपने को मजबूर? – Maria Corina Machado Nobel Peace Prize Winner 2025 Venezuela Opposition Leader ntc


शांति के बहुप्रतीक्षित नोबेल पुरस्कार का ऐलान हो गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पछाड़कर यह अवॉर्ड मानवाधिकार कार्यकर्ता मारिया कोरिना मचाडो को मिला है. मचाडो वेनेजुएला में विपक्ष की प्रमुख नेता भी हैं. वह वेनेजुएला की निकोलस मादुरो सरकार की वजह से लंबे अरसे से देश में अंडरग्राउंड रह रही हैं और धूप देखने तक को तरस गई हैं. 

मारिया कोरिना मचाडो ने वेनेजुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही से लोकतंत्र की ओर शांतिपूर्ण बदलाव लाने के लिए 20 साल लगातार संघर्ष किया है. नोबेल समिति ने नोबेल पीस प्राइज का ऐलान करते हुए कहा कि आज जब दुनिया के कई हिस्सों में तानाशाही बढ़ी है और लोकतंत्र कमजोर हुआ है, ऐसे समय में मारिया मचाडो जैसे लोगों की हिम्मत उम्मीद की लौ जैसी है.

नोबेल समिति ने कहा कि मारिया को यह पुरस्कार वेनेजुएला में लोकतंत्र के लिए उनके अथक संघर्ष और तानाशाही के खिलाफ लड़ाई के लिए दिया जा रहा है. वह लोकतंत्र की लौ को अंधेरे में जलाए रखने वाली महिला हैं.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान मचाडो ने बढ़-चढ़कर प्रचार किया था. वह खुद राष्ट्रपति का चुनाव लड़ना चाहती थी लेकिन सरकार के दबाव के बीच कोर्ट के फैसले ने उनका रास्ता रोक लिया. उन्हें सार्वजनिक तौर पर आखिरी बार इस साल जनवरी में वेनेजुएला के कराकास में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान देखा गया था. लेकिन मादुरो सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय दबाव की वजह से उन्हें जल्द ही रिहा भी कर दिया गया. लेकिन इसके बाद से उन्हें सार्वजनिक तौर पर नहीं देखा गया.

मचाडो को लेकर मादुरो ने कई मौकों पर कहा है कि वह देश छोड़कर फरार हो गई हैं लेकिन मचाडो का साफ कहना है कि वह कही नहीं गई हैं और देश में ही हैं और वेनेजुएला के लोगों के लिए काम करती रहेंगी. रिपोर्ट के मुताबिक, गिरफ्तारी के डर से सीक्रेट स्थान पर रह रहीं मचाडो का कहना है कि उन्होंने लंबे समय तक धूप की गर्माहट को महसूस नहीं किया है. बता दें कि मचाडो की बड़ी बेटी उनके साथ रहती है जबकि दो अन्य बच्चे और पति विदेश में रहते हैं.

मादुरो सरकार मारिया कोरिना मचाडो को इसलिए निशाना बना रही है क्योंकि मादुरो उन्हें अपनी सरकार के सबसे बड़े खतरे के रूप में देखते हैं. विपक्ष का दावा है कि 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में मचाडो की समर्थित उम्मीदवार एडमुंडो गोंजालेज ने चुनाव जीता था. उन्हें मादुरो ने धांधली कर चुनाव जीत लिया.

बता दें कि मचाडो 2023 में विपक्षी प्राइमरी जीतकर राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनी थीं लेकिन सरकार ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था. वह विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व करती रहीं, जैसे 2014 के बड़े आंदोलन और 2025 के मादुरो के तीसरे कार्यकाल के खिलाफ.

कौन है मारिया कोरिना मचाडो?

मचाडो वेनेजुएला की विपक्षी नेता और इंजीनियर हैं. उनका जन्म 7 अक्टूबर 1967 को कराकास में हुआ था. वह चार बहनों में सबसे बड़ी हैं. उनके पिता हेनरिके माचाडो जुलोगा एक स्टील व्यवसायी थे और मां कोरिना पेरिस्का एक मनोवैज्ञानिक थीं. वह ऐतिहासिक परिवार से हैं, जो वेनेजुएला के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े हैं.

कैथोलिक स्कूल से पढ़ाई की, फिर कैटोलिक यूनिवर्सिटी ऑफ अमेरिका से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री ली. 1990 के दशक में उन्होंने पोलर फाउंडेशन्स के साथ काम किया, जो गरीबी उन्मूलन पर फोकस करता था.

वह 2012 में विपक्षी प्राइमरी में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनीं लेकिन हेनरिके कैप्रिल्स से हार गईं. 2023 में उन्होंने Vente Venezuela पार्टी की नेशनल कोऑर्डिनेटर के रूप में राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन लिया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया. इसके बावजूद, उन्होंने एडमुंडो गोंजालेज को समर्थन दिया, लेकिन उनका दावा है कि गोंजालेज 2024 का चुनाव जीते थे लेकिन मादुरो ने चुनाव में धांधली कर जीत हासिल की थी.

यह पुरस्कार उनके लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही का मुकाबला करने के उनके प्रयासों के लिए है. टाइम्स मैगजीन ने मचाडो को 2025 की 100 सबसे प्रभावशाली शख्सियतों में शामिल किया, जहां उन्हें वेनेजुएा की आयरन लेडी कहा गया.

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