आतंक को खाद-पानी देने वाला पाकिस्तान घरेलू स्तर पर बढ़ते सुरक्षा संकट से निपटने में विफल रहने के बाद घबराहट में उलूल-जुलूल आरोप लगा रहा है. पाकिस्तानी सेना ने अपनी जानी-पहचानी रणनीति का सहारा लिया है और अब भारत पर झूठा आरोप लगाया है कि वह अफगानिस्तान की धरती से इस्लामाबाद के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है. यह बयान तब आया जब पाकिस्तान और तालिबान के बीच तनाव चरम पर है, खासकर तहरीक-ए-तालिबान (TTP) को निशाना बनाकर किए गए हवाई हमलों के बाद.
पेशावर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तानी सेना के प्रोपेगेंडा विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के डायरेक्टर जनरल (DG-ISPR) लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने खैबर पख्तूनख्वा (KP) में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों की वजहें गिनाईं. उन्होंने इसके लिए नेशनल एक्शन प्लान (NAP) पर काम नहीं होना और आतंकवाद का राजनीतिकरण होने को जिम्मेदार ठहराया. डीजी-आईएसपीआर ने पाकिस्तानी सेना और सरकार की नाकामी छिापाने के लिए भारत पर झूठे आरोप लगाए.
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लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान को पाकिस्तान के खिलाफ आतंकियों का अड्डा बना दिया है. उन्होंने अमेरिकी सेना द्वारा 2021 में छोड़े गए हथियारों को आतंकियों तक पहुंचने की बात भी कही. चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान की अफगानिस्तान से मांग साफ है, ‘वह अपनी जमीन को का इस्तेमाल इस्लामाबाद के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए ना होने दे.’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सऊदी अरब, यूएई, चीन, अमेरिका और तुर्की जैसे सहयोगी देशों के जरिए अफगानिस्तान से इस मामले में सीधे बातचीत कर रहा है.
पाकिस्तान का यह आरोप ऐसे समय में आया है जब अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी 8 दिवसीय भारत दौरे पर हैं, जहां उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से मुलाकात की. यह भारत और अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के संबंधों में रीसेट का संकेत है, जिसने पाकिस्तान को परेशान करके रख दिया है. पाकिस्तान ने तहरीक-ए-तालिबान (TTP) के मुखिया नूर वली महसूद को निशाना बनाने के लिए काबुल में हवाई हमले किए.
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हालांकि, बाद में महसूद का एक ऑडियो संदेश सामने आया जिसमें उसने दावा किया कि वह सुरक्षित है. महत्वपूर्ण बात यह है कि हमला पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ द्वारा नेशनल असेंबली में कड़ी चेतावनी जारी करने के कुछ घंटों बाद हुआ, जिसमें उन्होंने कहा था कि आतंकवादियों द्वारा अफगान क्षेत्र के निरंतर उपयोग को लेकर पाकिस्तान का धैर्य जवाब दे गया है. ख्वाजा आसिफ ने आगे कहा कि पाकिस्तान ’60 लाख अफगान शरणार्थियों को शरण देने की कीमत अपने खून से चुका रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘अब समय आ गया है कि अफगान शरणार्थी अपने घरों को लौट जाएं और आतंक और हत्या के इस चक्र को समाप्त करें.’ भारत के दौरे पर आए तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने काबुल पर पाकिस्तानी हमले की पुष्टि नहीं की. लेकिन उन्होंने कहा कि देश के सरहदी इलाकों में हमले हुए हैं और पाकिस्तान को ये गलती नहीं दोहरानी चाहिए. अफगान तालिबान ने पाकिस्तान पर काबुल की संप्रभुता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है और एयर स्ट्राइक को ‘अभूतपूर्व, हिंसक और उकसाने वाली कार्रवाई’ करार दिया है.
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भारत दौरे पर आए तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने पाकिस्तान को नसीहत देते हुए कहा, ‘अफगानिस्तान के लोगों के हौसले को चुनौती नहीं दी जानी चाहिए. उन्हें छेड़ा न जाए. अंग्रेजों से पूछें, सोवियत रूस से पूछें, अमेरिका से पूछें और नाटो से पूछें. वो आपको समझाएंगे कि भाई, अफगानिस्तान के साथ ऐसा खेल करना अच्छा नहीं है. अफगान की हुकूमत, लोग और सियासत सुलहपसंद हैं. हम अपने पड़ोसियों से अच्छे संबंध चाहते हैं. राजनयिक संबंध चाहते हैं.’
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