Karvachauth Moon 2025: करवाचौथ के चांद के लिए स्त्रियां बेसब्री से इंतजार करती हैं. करवाचौथ के दिन चांद देरी से तो निकलता ही है साथ ही इसका रंग भी बार बार बदलता रहता है. इस बीच आइए जानते हैं कि करवाचौथ के मूहर्त के वक्त चांद का रंग क्या होगा.
करवा चौथ के शुभ समय पर चंद्रमा का रंग कैसा होगा, यह जानने के लिए हमें खगोल विज्ञान और वायुमंडलीय प्रभावों को समझना होगा. संक्षेप में कहें तो, करवा चौथ के समय चंद्रमा का रंग आमतौर पर सफेद, सुनहरा (Golden) या हल्का पीला होगा, लेकिन क्षितिज के बहुत पास होने के कारण यह नारंगी या हल्का लाल भी दिख सकता है.
उगते हुए क्यों बदलता है चंद्रमा का रंग?
करवा चौथ का व्रत पूर्णिमा के 4 दिन बाद (कार्तिक माह, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी) रखा जाता है., इस दिन चंद्रमा का रंग चंद्रमा की कला और उसका वास्तविक रंग (Lunar Phase)पर निर्भर करता है. इसके अलावा चांद का रंग इस बात पर भी निर्भर करता है कि करवा चौथ पर चंद्रमा फुल मून (पूर्णिमा) से 4 दिन दूर होता है.
चंद्रमा का अपना कोई रंग नहीं होता. हम जो रंग देखते हैं, वह सूर्य के प्रकाश का परावर्तन होता है. जब चंद्रमा पूरी तरह से दिखाई देता है, तो इसका मूल रंग हल्के स्लेटी या सफ़ेद रंग का होता है, लेकिन पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरने के कारण यह हमें चमकीला सफ़ेद या चांदी जैसा दिखाई देता है.
करवा चौथ पर चंद्रोदय सूर्यास्त के काफी देर बाद होता है (लगभग 3 से 4 घंटे बाद), लेकिन जब यह क्षितिज से पहली बार ऊपर आता है, तो इसका रंग बदल जाता है. जब चंद्रमा क्षितिज के बिल्कुल पास होता है, तो उसका प्रकाश हमारी आंखों तक पहुंचने से पहले वायुमंडल की सबसे मोटी परत से गुजरता है. यह परत छोटी तरंग दैर्ध्य (जैसे नीला और हरा) के प्रकाश को छान देती है और केवल लंबी तरंग दैर्ध्य का प्रकाश (जैसे लाल, नारंगी, और पीला) ही हमारी आंखों तक पहुंच पाता है.
यही कारण है कि उगता हुआ चांद या सूरज हमें नारंगी या लाल दिखाई देता है. जैसे-जैसे चंद्रमा आकाश में ऊंचा उठता जाता है, उसे कम वायुमंडल से गुजरना पड़ता है. इसलिए, उसका रंग धीरे-धीरे सुनहरे या हल्के पीले से बदलकर अपने सामान्य चमकीले सफेद रंग में आ जाता है.
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