पाकिस्तान में गाजा शांति समझौते को लेकर बवाल मचा हुआ है. लाहौर, इस्लामाबाद समेत कई प्रमुख शहरों में प्रदर्शनकारी सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के स्पीकर अयाज सादिक ने गाजा-इजरायल के बीच हुए शांति समझौते को लेकर सवाल खड़ा किए हैं. उन्होंने कहा है कि गाजा शांति समझौते को लेकर पाकिस्तान के अंदर विरोध की वजह समझ नहीं आ रही.
स्पीकर अयाज सादिक ने पूछा, ‘फिलिस्तीन के लोग और मुख्य हितधारक गाजा शांति समझौते से खुश हैं, लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा कि पाकिस्तान के लोग क्यों ख़ुश नहीं हैं.’
पाकिस्तान में विरोध क्यों हो रहा है?
पाकिस्तान में गाजा शांति समझौते को लेकर तेज विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. मुख्य रूप से तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) जैसे कट्टरपंथी समूह इसका विरोध कर रहे हैं.
TLP का आरोप है कि शरीफ सरकार अमेरिका के सामने झूक गई और फिलिस्तीन के मुद्दे पर धोखा किया है. TLP का आरोप है कि अमेरिका समर्थित शांति योजना का समर्थन करना गलत है.
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टीएलपी और अन्य कट्टरपंथी समूहों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी, लेकिन कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पें हुईं. इन संघर्षों में कई लोग घायल हुए. शांति बनाए रखने के लिए पुलिस ने इस्लामाबाद और रावलपिंडी में इंटरनेट सेवा बंद कर दी और सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है.
पाकिस्तान की दुविधा क्या है?
पाकिस्तान के लिए बड़ी दुविधा है कि एक तरफ सरकार अंतर्राष्ट्रीय दबाव में शांति समझौते का समर्थन कर रही है. दूसरी तरफ देश के अंदर धार्मिक और राजनीतिक समूह इसका तीव्र विरोध कर रहे है. सरकार को दोनों तरफ़ संतुलन बनाना पड़ रहा है.
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