9 अक्टूबर को पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल और दूसरे शहरों पर हवाई हमले किए. ये हमले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ठिकानों पर थे. तालिबान सरकार ने अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया, लेकिन सवाल उठ रहे हैं – तालिबान के पास हवाई रक्षा है? US के छोड़े हथियारों का क्या कर रहा? अगर भारत एयर डिफेंस दे तो पाकिस्तान हमला कर पाएगा?
तालिबान के पास फाइटर जेट और मिसाइलें हैं?
नहीं, तालिबान के पास आधुनिक फाइटर जेट या मिसाइलें नहीं हैं. 2025 में अफगानिस्तान की मिलिट्री रैंकिंग ग्लोबल फायरपावर में 118वीं है – यानी बहुत कमजोर. पुराने जमाने के कुछ MiG-21 और Su-22 फाइटर बॉम्बर हैं, जो 1990 के दशक के हैं. लेकिन ज्यादातर खराब हैं, रखरखाव नहीं हो पा रहा.
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मिसाइल सिस्टम भी बेसिक हैं – कोई एडवांस्ड बैलिस्टिक या एयर-टू-एयर मिसाइलें नहीं. तालिबान ज्यादातर ग्राउंड फोर्स पर निर्भर है, हवाई ताकत बहुत सीमित. रूसी Tor-M2 जैसे एयर डिफेंस सिस्टम मांग रहे हैं, लेकिन अभी नहीं मिले.
पाकिस्तानी हमले का जवाब कैसे देगा तालिबान?
तालिबान ने अभी चुप्पी साध रखी है. काबुल पर ये पहला पाकिस्तानी हमला था, जो तालिबान FM आमिर खान मुत्तकी की दिल्ली यात्रा के दौरान हुआ. पाकिस्तान का डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ ने तालिबान को चेतावनी दी थी – TTP को शरण न दें. तालिबान जवाबी कार्रवाई कर सकता है, जैसे 2024 में किया.
तब तालिबान ने पाकिस्तान के कई जगहों पर हमले किए. लेकिन हवाई हमले का जवाब देना मुश्किल, क्योंकि तालिबान के पास मजबूत एयर फोर्स नहीं. संभवतः ग्राउंड अटैक या डिप्लोमेसी से जवाब देंगे. विशेषज्ञ कहते हैं, ये अफ-पाक तनाव बढ़ाएगा, लेकिन तालिबान हार मानने वाला नहीं.
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तालिबान के पास एयर डिफेंस सिस्टम है?
नहीं, तालिबान का एयर डिफेंस बहुत कमजोर है. पुराने ZPU जैसे एंटी-एयरक्राफ्ट कैनन हैं, जो 1960 के दशक के हैं. ये छोटे ड्रोन या हेलीकॉप्टर रोक सकते हैं, लेकिन पाकिस्तानी फाइटर जेट्स या मिसाइलों को नहीं. हमला रोक न पाने की वजह – कोई रडार या मॉडर्न सिस्टम नहीं.
तालिबान 2023 से एंटी-एयरक्राफ्ट कैपेसिटी बढ़ाने की कोशिश कर रहा, लेकिन रूस या ईरान से मदद नहीं मिली. 2025 में भी ये समस्या बनी हुई. इसलिए पाकिस्तानी जेट्स आसानी से काबुल पहुंच गए.
अमेरिका के छोड़े हथियारों का तालिबान क्या कर रहा?
2021 में US वापसी के समय $7 बिलियन के हथियार छूट गए – हेलीकॉप्टर, हम्वी वाहन, M4 राइफलें, ग्रेनेड लॉन्चर. तालिबान इन्हें इस्तेमाल कर रहा, लेकिन रखरखाव की समस्या है. 2025 में आधे से ज्यादा हथियार बर्बाद या बेच दिए. 5 लाख हथियार गायब, बागी ग्रुप्स को बेचे गए.
राष्ट्रपति ट्रंप ने वापसी मांगी, लेकिन तालिबान ने मना कर दिया. तालिबान इन्हें अपनी सेना में यूज कर रहा – हम्वी से गश्त, हेलीकॉप्टर से ट्रांसपोर्ट. लेकिन एयर डिफेंस या जेट्स के लिए ये काफी नहीं.
अगर भारत एयर डिफेंस दे तो पाकिस्तान हमला कर पाएगा?
अभी भारत ने ऐसा कोई प्लान नहीं बताया. लेकिन अगर भारत S-400 या Akash जैसे सिस्टम दे, तो पाकिस्तान का हमला मुश्किल हो जाएगा. भारत तालिबान से दूरी रखता है, लेकिन अफगानिस्तान में स्टेबिलिटी चाहता है. मॉस्को फॉर्मेट (भारत-रूस-चीन) US की बगराम बेस वापसी का विरोध कर रहा.
अगर भारत मदद करे, तो पाकिस्तान के JF-17 जेट्स या ड्रोन को रोकना आसान होगा. लेकिन पाकिस्तान की ताकत ज्यादा है, इसलिए हमला पूरी तरह न रुक सकता. ये कदम अफ-पाक तनाव कम कर सकता, लेकिन भारत को सावधानी बरतनी होगी.
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