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गुजरात सरकार का बड़ा कदम, विदेशी सॉफ्टवेयर छोड़ अब अपनाएगी स्वदेशी Zoho – gujarat government zoho adoption swadeshi initiative tteca


Zoho इन दिनों चर्चा में है. ऐसा लग रहा है जैसे ये कंपनी अकेली माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और मेटा को टक्कर दे रही हो. हाल में गृह मंत्री अमित शाह ने जानकारी दी थी कि वो Zoho Mail पर स्विच कर रहे हैं. अब गुरजात सरकार ने सभी ऑसिसेस के HOD को जोहो पर मूव करने का आदेश दिया है. 

साइंस और टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट की ओर से जारी सर्कुलर में बताया गया है कि ये स्वेशी और आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम है. घरेलू कंपनी को बढ़ावा देने के लिए सभी डिपार्मेंट, पब्लिक सेक्टर कंपनी, बोर्ड्स और कार्पोरेशन को जोहो मेल और जोहो ऑफिस सूट इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है. 

गृह मंत्री अमित शाह भी इस्तेमाल कर रहे जोहो

गुजरात सरकार का ये आदेश ऐसे वक्त पर आया जब देश भर में जोहो की चर्चा हो रही है. गृह मंत्री अमित शाह ने भी इसी हफ्ते जोहो मेल पर स्विच करने की जानकारी X पर शेयर की थी. उन्होंने इसके साथ ही अपनी नई आधिकारिक ईमेल ईडी भी शेयर की. गृह मंत्री के इस पोस्ट पर जोहो ने रिप्लाई कर शुक्रिया अदा किया था. 

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Zoho पिछले कुछ दिनों से लगातार चर्चा में है. एक-एक करके कंपनी के तमाम ऐप्स और टूल्स पर लोगों की नजर जा रही है. ये बेंगलुरू बेस्ड कंपनी है, जिसके फाउंडर श्रीधर वेम्बू हैं. कंपनी के पास 45 से ज्यादा प्रोडक्ट्स और सर्विसेस हैं. चर्चा ना सिर्फ Zoho Mail की हो रही है बल्कि Arattai की भी है. 

लगातार चर्चा में है कंपनी

ये कंपनी का वॉट्सऐप जैसा इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म है. इस प्लेटफॉर्म पर कॉलिंग और टेस्टिंग दोनों कर सकते हैं. हालांकि, इस पर टेक्स्ट मैसेजेज के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन नहीं मिलता है. श्रीधर वेम्बू ने बताया है कि उनकी टीम इस फीचर पर काम कर रही है और नवंबर तक ये फीचर भी Arattai पर लाइव हो जाएगा. 

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इसके अलावा Microsoft और Google की तरह ही Zoho कई टूल्स ऑफर करता है. ये टूल्स पावरपॉइंट, MS Word जैसे प्लेटफॉर्म्स के राइवल हैं. जोहो ना सिर्फ स्वदेशी कंपनी है बल्कि इसकी सर्विसेस भी दूसरी कंपनियों के मुकाबले सस्ती हैं. ये भी इसकी पॉपुलैरिटी का एक प्रमुख कारण है. हालांकि, पिछले कुछ दिनों में इसकी पॉपुलैरिटी बढ़ने का मुख्य कारण कई मंत्रियों का इस सर्विस पर स्विच करना है.

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