सीएम योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के आगामी पर्व-त्योहारों की तैयारियों और कानून-व्यवस्था की समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि इस वर्ष की दीपावली और अन्य पर्व-त्योहारों का माहौल स्वदेशी उत्पादों और सुरक्षा के लिहाज से विशेष होना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘स्वदेशी हो दीपावली’ केवल एक नारा नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत और सशक्त उत्तर प्रदेश की दिशा में सामूहिक संकल्प है. उन्होंने जोर देकर कहा कि हर परिवार पर्व-त्योहारों के दौरान कुछ न कुछ खरीदारी करता है और इस बार यह खरीदारी स्वदेशी उत्पादों की होनी चाहिए.
प्रशासनिक सजगता और सुरक्षा पर जोर
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी वरिष्ठ अधिकारी और जिला प्रशासन के पदाधिकारी धरातल पर उतरें. उन्होंने याद दिलाया कि गत माह दुर्गा पूजा, मिशन शक्ति और दशहरा जैसे बड़े आयोजन प्रशासन और पुलिस की कुशलता से संपन्न हुए हैं, जिसने उत्तर प्रदेश की सकारात्मक छवि को मजबूत किया. योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि आगामी पर्व भी प्रशासन और पुलिस की कार्यकुशलता और सजगता को सिद्ध करने का अवसर हैं. उन्होंने कहा कि अराजक तत्वों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाए जाएं और कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों के प्रति कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
अगामी पर्व और उनकी महत्ता
मुख्यमंत्री ने बताया कि अक्टूबर और नवंबर माह में पूरे प्रदेश में धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों की श्रृंखला होगी. इनमें नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज और लोकमहापर्व छठ शामिल हैं. उन्होंने कहा कि ये पर्व केवल उत्सव नहीं, बल्कि हमारी लोक-संस्कृति और सामूहिक चेतना के स्पंदन हैं. उन्होंने सभी जिलों के प्रशासन को निर्देशित किया कि इन पर्वों का आयोजन शांति, सुरक्षा और उल्लासपूर्ण वातावरण में सुनिश्चित हो. मुख्यमंत्री ने दोहराया कि अयोध्या का दीपोत्सव और काशी की देव दीपावली न केवल उत्तर प्रदेश की, बल्कि पूरे देश की पहचान बन चुके हैं.
यात्रियों और श्रद्धालुओं की सुविधा
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाखों श्रद्धालु और पर्यटक इन आयोजनों में शामिल होते हैं. ऐसे अवसरों पर यातायात, सुरक्षा और व्यवस्थाओं की निगरानी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने निर्देशित किया कि जब अयोध्या में लाखों दीप जगमगाते हैं और काशी के घाटों पर प्रकाश फैलता है, तो यह दृश्य न केवल श्रद्धालुओं का आनंद बढ़ाए, बल्कि पूरी दुनिया को उत्तर प्रदेश की परंपरा से परिचित कराए.
असामाजिक तत्वों पर सतर्कता
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वों और मेलों के इस उल्लासमय वातावरण को असामाजिक और अराजक तत्व बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं. उन्होंने खुफिया तंत्र को सक्रिय रखने और पुलिस बल को हर स्तर पर अलर्ट मोड में रखने के निर्देश दिए. उन्होंने दोहराया कि प्रदेश की शांति और सौहार्द्र को भंग करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर अमल किया जाएगा.
दीपावली और पर्यावरण संरक्षण
मुख्यमंत्री ने दीपावली के अवसर पर लक्ष्मी प्रतिमा का विसर्जन नदियों की जगह तालाबों में करने के निर्देश दिए, ताकि नदियों की पवित्रता और स्वच्छता बनी रहे. उन्होंने कहा कि पटाखों की दुकानें और गोदाम आबादी से दूर हों, और समय से लाइसेंस और एनओसी उपलब्ध कराई जाए. उन्होंने फायर तेंडर और सुरक्षा उपायों पर जोर देते हुए कहा कि पर्यावरण और जीवन के लिए हानिकारक पटाखों का उपयोग रोका जाए. उल्लंघन करने वालों पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ता हित
मुख्यमंत्री ने एफएसडीए और जिला प्रशासन को निर्देशित किया कि दूध, खोआ, पनीर, मिठाई और अन्य खाद्य सामग्रियों में किसी भी प्रकार की मिलावट न हो. पर्व-त्योहारों के दृष्टिगत खाद्य पदार्थों की जांच तेजी से की जाए, लेकिन किसी व्यापारी या विक्रेता का उत्पीड़न न हो. दोषी पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
शिक्षा और परीक्षा सुरक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 अक्तूबर को यूपी लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में 6 लाख से अधिक अभ्यर्थी प्रतिभाग करेंगे. उन्होंने परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए. स्थानीय प्रशासन को आयोग का पूरा सहयोग करना होगा. किसी संदिग्ध को चिन्हित कर तत्काल जेल भेजा जाए, और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
सोशल मीडिया और सामूहिक चेतना
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर जातिगत आधार पर भावनाएं भड़काने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि ड्रोन संबंधी अफवाहों में कमी आई है, लेकिन गृह विभाग को और प्रभावी कार्य करना होगा. जुम्मे की नमाज के बाद विशेष सतर्कता बरती जाए. माताओं और बहनों की सुरक्षा और गरिमा सर्वोच्च प्राथमिकता हो.
स्वदेशी उत्पाद और आर्थिक सशक्तिकरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि धनतेरस और दीपावली के अवसर पर हर आय वर्ग का परिवार कुछ न कुछ खरीदारी करता है. इस दृष्टि से 10 अक्टूबर से प्रदेश के प्रत्येक जनपद में स्वदेशी मेलों का आयोजन किया जाएगा. लोगों को स्वदेशी उत्पाद खरीदने के लिए प्रेरित किया जाएगा और विक्रेताओं को स्वदेशी उत्पाद बेचने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि “गर्व से कहो यह स्वदेशी है” की भावना जन-जन तक पहुंचाई जाए.
सफाई, रोशनी और आधारभूत सुविधाएं
मुख्यमंत्री ने नगर निकायों और जिला प्रशासन को निर्देशित किया कि पर्वों से पहले सफाई अभियान चलाया जाए. सड़कें और गलियां स्वच्छ और प्रकाशमान हों. जलभराव और गंदगी की समस्या का त्वरित समाधान किया जाए. निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो. नगरों और कस्बों में स्पाइरल लाइटें लगाई जाए ताकि उत्सव का वातावरण भव्य और उल्लासपूर्ण बने.
धार्मिक स्थल और यातायात व्यवस्थाएं
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि प्रमुख धार्मिक स्थलों और पूजा स्थलों पर यातायात व्यवस्था इस प्रकार हो कि श्रद्धालुओं और आगंतुकों को कोई असुविधा न हो. पुलिस और यातायात विभाग आपसी तालमेल बनाकर व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करें.
संस्कृति और वैश्विक पहचान
मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या का दीपोत्सव और काशी की देव दीपावली केवल धार्मिक आस्था के पर्व नहीं रह गए हैं, बल्कि उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर और वैश्विक छवि के वाहक बन चुके हैं. जब घाटों पर दीप जगमगाते हैं और नगर प्रकाश से आलोकित होता है, तो यह दृश्य पूरी दुनिया को उत्तर प्रदेश की गौरवशाली परंपरा से परिचित कराता है.
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