इज़रायल की कैबिनेट ने शुक्रवार तड़के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा पट्टी में युद्धविराम और हमास द्वारा बंधक बनाए गए सभी शेष बंधकों की रिहाई की योजना को मंज़ूरी दे दी. यह मिडिल ईस्ट को अस्थिर करने वाले दो साल से चल रही जंग को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के दफ्तर की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, “कैबिनेट ने बंधकों की रिहाई के लिए एक समझौते की ‘रूपरेखा’ को मंज़ूरी दे दी है. हालांकि, योजना के अन्य विवादास्पद पहलुओं का ज़िक्र नहीं किया गया है.”
सीजफायर योजना में कई ऐसे सवाल शामिल थे, जिनका अभी जवाब नहीं मिल सका है. जैसे कि क्या और कैसे हमास निरस्त्रीकरण करेगा और गाजा पर शासन कौन करेगा. लेकिन दोनों पक्ष उस युद्ध को खत्म करने के लिए तैयार नज़र आ रहे थे, जिसने हज़ारों फ़िलिस्तीनियों की जान ले ली है. इजरायल ने हवाई हमलों के जरिए गाजा के ज्यादातर हिस्सों को मलबे में बदल दिया है. क्षेत्र के कुछ हिस्सों में अकाल जैसी स्थिति है.
इज़रायली कैबिनेट के मतदान से पहले इज़रायली हमले जारी रहे. फ़िलिस्तीनी नागरिक सुरक्षा के मुताबिक, गुरुवार को उत्तरी गाजा में धमाके हुए और गाजा शहर में एक इमारत पर हुए हमले में करीब दो लोगों की मौत हो गई और 40 से ज्यादा लोग मलबे में दब गए.
67 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की हत्या…
7 अक्टूबर, 2023 को इज़रायल पर हमास के हमले के साथ शुरू हुए इस युद्ध ने क्षेत्र में अन्य संघर्षों को भी जन्म दिया है. दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन हुए और नेतन्याहू पर नरसंहार के आरोप लगे.
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इजरायल के हमले में गाजा में 67,000 से ज्यादा फ़िलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं और करीब 170,000 लोग घायल हुए हैं. मरने वालों में करीब आधी तादाद महिलाओं और बच्चों की है.
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