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Surya Grahan 2025: सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को, जानें- क्यों ग्रहण सहित इन 4 मौकों पर रात में स्नान जरूरी – Surya grahan 2025 date time holi bath after solar eclipse sutak kaal tvisz


Surya grahan 2025: साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर दिन रविवार को लगने वाला है. सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को रात 11 बजे से लेकर देर रात 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. यह तब होता है चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है. सूर्य ग्रहण न सिर्फ वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे धार्मिक, ज्योतिषीय और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बड़ा महत्व दिया जाता है. इसलिए शास्त्रों में ग्रहण के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी माना गया है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण राहु और केतु जैसे अशुभ ग्रहों के कारण होता है. सूर्य ग्रहण के दौरान केतु सूर्य को प्रभावित करता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है और ग्रहों के असंतुलन के कारण आसुरी शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं. सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है, जिसमें नकारात्मक शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं और ब्रह्मांडीय ऊर्जा में अस्थिरता आ जाती है.

ज्योतिषविद कहते हैं कि ग्रहण के बाद स्नान करने से उसके नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति मिलती है. इससे शरीर व मन को शुद्ध करने में मदद मिलती है. ग्रहण के बाद नहाना आध्यात्मिक और शारीरिक स्वच्छता दोनों को बनाए रखने का भी एक तरीका है. 

क्यों ग्रहण के बाद स्नान है जरूरी?

शास्त्रों में खासतौर से सूर्य ग्रहण के बाद स्नान जरूरी बताया गया है. योग वशिष्ठ के अनुसार, पुत्रजन्मनि यज्ञे च तथा सक्रमणे रवेः। रहोश्च दर्शने कार्य प्रशस्तं नान्यथा निशि।। यानी पुत्र के जन्म, यज्ञ, सूर्य संक्रांति और ग्रहण यदि रात में भी हो तो स्नान करके शुद्ध होना चाहिए. इसकी वजह यह है कि इन सभी घटनाओं के बाद शरीर अपवित्र हो जाता है और इसे फिर से देव पितृ कार्य के लिए शुद्ध करना जरूरी होता है.

वैज्ञानिक दृष्टि से इस समय वातावरण में रोगाणुओं का प्रभाव बढ़ जाता है और सूर्य से निकलने वाली अल्ट्रावॉयलेट किरणें स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं. इसलिए ग्रहण के बाद स्नान करना न सिर्फ धार्मिक रूप से शुभ माना जाता है, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभकारी होता है.

ग्रहण से पहले स्नान करने की मान्यता

ग्रहण के बाद स्नान का महत्व तो आपने समझ लिया है. लेकिन ग्रहण से पहले स्नान भी जरूरी समझा गया है. यह समय साधना और आत्मशुद्धि के लिए उपयुक्त होता है. ग्रहण के दौरान सूर्य देव, गुरु, नारायण कवच और विभिन्न ग्रहों के मंत्रों का जप करना शुभ और प्रभावशाली माना जाता है.

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