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डायबिटिक, प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए करवा चौथ व्रत रखना कितना सुरक्षित? डॉक्टर्स ने बताया – Precautions for diabetic pregnant and breastfeeding women while fasting on Karva Chauth 2025 tvism


Karva Chauth 2025 Fasting: करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर 2025 को रखा जाएगा. यह एक ऐसा त्योहार है जिसमें विवाहित महिलाएं दिन भर यानी लगभग 20-22 घंटे तक उपवास रखती हैं और रात में चंद्रमा को देखकर ही पानी और भोजन ग्रहण करती हैं. हालांकि इतने समय तक फास्टिंग करना कुछ महिलाओं के लिए काफी चैलेंजिंग भी होता है. लेकिन धार्मिक मान्यताओं के कारण अपनी सेहत का ख्याल नहीं रखतीं और इतने लंबे समय तक बिना भोजन या जल के रहती हैं.

डायबिटीज, प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए ये व्रत और भी मुश्किल होता है क्योंकि लंबे समय तक बिना भोजन या जल के रहने से ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है जिससे थकान, चक्कर आना या यहां तक कि अगर सावधानी न बरती जाए तो मेडिकल स्थिति भी हो सकती है.

अब ऐसे में सवाल उठता है कि डायबिटीज, प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को व्रत रखना चाहिए या नहीं और या फिर रखती हैं तो कौन-कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए, इस बारे में हमने डॉक्टर्स से बात की और जाना कि इन तीनों कंडिशन में फास्टिंग रखनी चाहिए या नहीं.

डायबिटीक, प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग वाली महिलाओं को व्रत रखना कितना सुरक्षित?

जयपुर के कोकून हॉस्पिटल की ऑब्सटेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजी की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मितुल गुप्ता ने Aajtak.in को बताया, ‘डायबिटीक, प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग वाली महिलाओं को करवाचौथ का व्रत रखने से पहले बहुत सावधानी बरतनी चाहिए. डायबिटीज वाली महिलाओं के लिए लंबी फास्टिंग ब्लड शुगर को बहुत कम या बहुत अधिक बढ़ा सकता है जिससे चक्कर आना, कमजोरी या बेहोशी जैसी स्थिति बन सकती है. अगर वे व्रत रखना ही चाहती हैं तो डॉक्टर से सलाह लेकर दवाओं की टाइमिंग और डाइट में बदलाव जरूरी है.’

‘प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए भी पूरा दिन भूखा और प्यासा रहना सुरक्षित नहीं होता क्योंकि इससे मां और बच्चे दोनों को डिहाइड्रेशन और ब्लड प्रेशर कम होने का खतरा बढ़ता है. वहीं ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को दूध बनाने के लिए एक्स्ट्रा पानी और पोषक तत्वों की जरूरत होती है इसलिए व्रत रखने पर दूध की मात्रा कम हो सकती है और बच्चे को दूध की कमी हो सकती है.’

‘अगर इन तीनों में से कोई भी महिला व्रत रखना चाहती है तो उसे बिना पानी के व्रत नहीं रखना चाहिए. बीच-बीच में पानी, नारियल पानी या फल का रस लेकर हल्का व्रत किया जा सकता है. सबसे जरूरी है कि व्रत के दौरान शरीर के संकेतों को समझें, अगर चक्कर, कमजोरी या उलझन महसूस हो, तो तुरंत व्रत तोड़ दें क्योंकि आपकी सेहत सबसे जरूरी है और डॉक्टर से संपर्क करें.’

इन कंडीशंस में व्रत रखना खतरनाक

दिल्ली के बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशिअलिटी हॉस्पिटल में ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी की डायरेक्टर डॉ. तृप्ति शरण (26 साल एक्सपीरियंस) ने Aajtak.in को बताया, ‘डायबिटीक, प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग वाली महिलाओं को व्रत रखने की सलाह हम नहीं देते हैं. इसका कारण है कि ये काफी चैलेंजिंग कंडीशंस होती हैं और ऐसे में लगभग 20-22 घंटे की बिना पानी और खाने की फास्टिंग करना सेहत और बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है. वहीं यदि आपको फास्टिंग करना ही है तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें और उसके मुताबिक ही चलें.’

डायबिटीज वाली महिलाएं लक्षणों पर दें ध्यान

सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में एंडोक्राइनोलॉजी के कंसल्टेंट डॉ. सोनाली काग्ने का कहना है, ‘करवा चौथ के दौरान उपवास करना डायबिटीज मरीजों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है लेकिन कुछ सावधानियों के साथ इस व्रत को किया जा सकता है. इसके लिए डॉक्टर की निगरानी और अपने शरीर की जरूरतों को समझना जरूरी होता है.’

‘जो महिलाएं ब्लड शुगर को कम करने के लिए इंसुलिन या सल्फोनीलुरिया जैसी दवाएं ले रही हैं, वो अपने डॉक्टर से बात करके खुराक या समय में बदलाव करें. फास्टिंग के दौरान चक्कर आना, पसीना आना, या भ्रम होना. अगर ऐसे लक्षण दिखाई दें तो ये लो ब्लड शुगर के लक्षण होते हैं इसलिए यदि किसी को ये लक्षण नजर आते हैं तो अपनी सेहत को पहले प्रायोरिटी देते हुए तुरंत उपवास तोड़ें.’

‘यदि आपकी फास्टिंग पूरी हो गई है तो चांद निकलने के बाद गरिष्ठ, मीठा या तला हुआ खाना खाने से बचें. शरीर को हाइड्रेट करने के लिए पहले पानी पिएं और फिर हल्का, पौष्टिक भोजन लें जिसमें फाइबर, लीन प्रोटीन और सब्ज़ियां शामिल हों.’

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