ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर (Kier Starmer) भारत के दो दिवसीय दौरे पर हैं. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में उनसे मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच खालिस्तानी कट्टरपंथ पर भी चर्चा हुई.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ब्रिटिश पीएम स्टार्मर की मीटिंग के दौरान खालिस्तानी चरमपंथ के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई.
मिस्री ने कहा कि पीएम मोदी ने इस दौरान जोर देकर कहा कि लोकतांत्रिक देशों में कट्टरवाद और हिंसक चरमपंथ की कोई जगह नहीं है. पीएम मोदी ने कहा कि कट्टरवाद और हिंसक उग्रवाद का लोकतांत्रिक समाजों में कोई स्थान नहीं है. समाज द्वारा मुहैया कराई गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग या गलत इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
विदेश सचिव मिस्री ने ब्रिटिश पीएम स्टार्मर के भारत दौरे को सच्ची पार्टनरशिप बताते हुए कहा कि भारत और ब्रिटेन दोनों मुल्कों के नागरिकों की भलाई के लिए विभिन्न मोर्चों पर मिलकर काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच जुलाई में हुआ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) भारत के विकसित भारत के विजन को सपोर्ट करेगा और युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन करेगा.
बता दें कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टार्मर अपने पहले आधिकारिक भारत दौरे पर आठ अक्टूबर को मुंबई पहुंचे थे. इस दौरान उनके साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल है, जिसमें व्यापार, शिक्षा, संस्कृति और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के प्रमुख शामिल हैं. यह प्रतिनिधिमंडल ब्रिटेन का अब तक का सबसे बड़ा व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल था, जिसमें 125 सदस्य शामिल हैं.
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री स्टार्मर ने भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते, रक्षा सहयोग, प्रौद्योगिकी साझेदारी, और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की. इसके अलावा दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल में भी भाग लिया.
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