भारत और ब्रिटेन के रिश्ते तेजी से मजबूत हो रहे हैं. दोनों देशों के बीच रक्षा और समुद्री क्षेत्र में कई बड़े समझौते हुए हैं. इनमें इंडो-पैसिफिक ओशंस इनिशिएटिव (IPOI) के तहत रीजनल मैरिटाइम सिक्योरिटी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (RMSCE) बनाना.
भारतीय नौसेना के लिए इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम विकसित करने का इंटर-गवर्नमेंटल एग्रीमेंट (IGA) और लाइटवेट मल्टीरोल मिसाइल (LMM) की सप्लाई शामिल है. ये कदम हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने और तकनीकी सहयोग को मजबूत करेंगे.
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RMSCE: समुद्री सुरक्षा का नया केंद्र
भारत और ब्रिटेन मिलकर इंडो-पैसिफिक ओशंस इनिशिएटिव (IPOI) के तहत रीजनल मैरिटाइम सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (RMSCE) बनाएंगे. ये केंद्र समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए होगा. IPOI भारत की एक पहल है, जो हिंद महासागर और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाती है. RMSCE में ट्रेनिंग, जानकारी शेयरिंग और तकनीकी विकास पर फोकस होगा.
ये ऐलान 8-9 अक्टूबर 2025 को ब्रिटिश पीएम की भारत यात्रा के दौरान हुआ. दोनों देशों ने संयुक्त बयान में कहा कि ये केंद्र क्षेत्रीय चुनौतियों जैसे समुद्री डकैती, अवैध मछली पकड़ना और आपदा प्रबंधन से निपटने में मदद करेगा. जुलाई 2025 में पीएम मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान भी IPOI पर सहमति बनी थी. ये कदम भारत-ब्रिटेन की ‘विजन 2035’ का हिस्सा है, जो रक्षा साझेदारी को नई ऊंचाई देगा.
IGA: नौसेना के जहाजों के लिए इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन
भारत और ब्रिटेन ने इंटर-गवर्नमेंटल एग्रीमेंट (IGA) पर हस्ताक्षर किए हैं. ये समझौता भारतीय नौसेना के प्लेटफॉर्म्स (जैसे जहाज और पनडुब्बियां) के लिए समुद्री इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम विकसित करने पर है. इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन से जहाज ज्यादा तेज, शांत और ईंधन-कुशल होंगे.
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ये एग्रीमेंट सरकार-से-सरकार रूट के बीच होगा. ब्रिटेन की कंपनियां जैसे रोल्स-रॉयस इसमें को-डिजाइन और को-प्रोडक्शन करेंगी. मई 2025 में स्टेटमेंट ऑफ इंटेंट साइन हुआ था. फरवरी 2025 में अगली पीढ़ी के लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक जहाजों के लिए इलेक्ट्रिक सिस्टम पर बात हुई. इससे भारत की नौसेना आधुनिक बनेगी और हिंद महासागर में मजबूत स्थिति मिलेगी. कुल मिलाकर, ये $800 मिलियन के प्रोजेक्ट का हिस्सा है.
LMM मिसाइल डील: भारतीय सेना को £350 मिलियन का तोहफा
ब्रिटेन भारत को लाइटवेट मल्टीरोल मिसाइल (LMM) सिस्टम देगा. ये £350 मिलियन (करीब 41553 करोड़ रुपए) का डील है. LMM को मार्टलेट भी कहते हैं. ये थेल्स एयर डिफेंस द्वारा बनाई गई है. ये हल्की मिसाइल है, जो हवा-से-सतह, हवा-से-हवा, सतह-से-हवा और सतह-से-सतह हमले कर सकती है.
भारतीय सेना को ये एयर डिफेंस मिसाइलें और लॉन्चर मिलेंगे. डील से ब्रिटेन के उत्तरी आयरलैंड में 700 से ज्यादा नौकरियां सुरक्षित होंगी. ये समझौता 9 अक्टूबर 2025 को ऐलान हुआ. LMM तेज, सटीक और बहुमुखी है, जो ड्रोन, हेलीकॉप्टर या छोटे विमानों को मार गिरा सकती है. भारत की सेना को इससे सीमा पर मजबूत हवाई रक्षा मिलेगी.
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भारत के लिए फायदे: मजबूत रक्षा और साझेदारी
ये समझौते भारत-ब्रिटेन के बीच रक्षा संबंधों को नई ताकत देंगे. RMSCE से समुद्री सुरक्षा बढ़ेगी. IGA से नौसेना आधुनिक बनेगी. LMM से सेना को नई मिसाइल ताकत मिलेगी. दोनों देशों ने अप्रैल 2025 के पहलगाम हमले की निंदा की और उग्रवाद के खिलाफ एकजुट होने का वादा किया. ये कदम इंडो-पैसिफिक में सहयोग बढ़ाएंगे. भारत को लॉजिस्टिक्स सपोर्ट और जेट इंजन जैसे क्षेत्रों में भी मदद मिलेगी. कुल मिलाकर, ये डील्स £350 मिलियन से ज्यादा की हैं और सैकड़ों नौकरियां पैदा करेंगी.
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