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अयोध्या में चार प्रमुख द्वारों के नाम बदले, रामनगरी के लिए सीएम योगी का नया प्लान – CM Yogi new plan for Ayodhya chang names of four main gate lclg


रामनगरी अयोध्या में भक्ति, संस्कृति और राष्ट्रीय एकता का अनोखा संगम देखने को मिला. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पति कुंड पर दक्षिण भारत के तीन महान संगीत संतों त्यागराज स्वामीगल, पुरंदरदास और अरुणाचल कवि की भव्य प्रतिमाओं का अनावरण किया. इस मौके उनके साथ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थीं. 

चार प्रमुख द्वार अब महान संतों के नाम पर

मुख्यमंत्री योगी ने घोषणा की कि श्रीराम मंदिर के चार प्रमुख द्वार अब भारत के चार महान संतों के नाम पर समर्पित होंगे. उन्होंने बताया कि दक्षिण दिशा का द्वार जगद्गुरु शंकराचार्य, दक्षिण-पूर्व दिशा (गेट नंबर तीन) जगद्गुरु माधवाचार्य, उत्तर दिशा का द्वार जगद्गुरु रामानुजाचार्य, और सुग्रीव किला मार्ग से प्रवेश द्वार जगद्गुरु रामानंदाचार्य जी के नाम से जाना जाएगा.

तीनों संतों की प्रतिमाएं

सीएम योगी ने कहा कि ये तीनों संत भारत की सांस्कृतिक एकता और आध्यात्मिक परंपरा के प्रतीक हैं. उन्होंने कहा, त्यागराज, पुरंदरदास और अरुणाचल कवि तीनों ने अपनी-अपनी भाषाओं में रामभक्ति को जन-जन तक पहुंचाया. आज उनकी प्रतिमाएं रामलला के चरणों में स्थापित होना, उत्तर-दक्षिण के बीच भक्ति का सेतु बनने जैसा है. योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह कदम एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को जीवंत करता है और देश को समरसता की दिशा में आगे बढ़ाता है.

त्यागराज स्वामी कर्नाटक संगीत की त्रिमूर्ति

सीएम योगी ने बताया कि त्यागराज स्वामी कर्नाटक संगीत की त्रिमूर्ति में प्रमुख स्थान रखते हैं. उन्होंने तेलुगु भाषा में हजारों भक्ति गीतों की रचना की, जिनमें भगवान श्रीराम के प्रति अनन्य प्रेम झलकता है. उनके गीतों ने दक्षिण भारत में भक्ति की परंपरा को जीवंत रखा और आज उनका संदेश पूरे भारत में रामनगरी अयोध्या से गूंज रहा है.

पुरंदरदास हरिदास संप्रदाय के अग्रदूत

मुख्यमंत्री ने बताया कि पुरंदरदास को 15वीं सदी में कर्नाटक संगीत का जनक कहा जाता है. उन्होंने व्यापारी जीवन त्यागकर हरिदास संप्रदाय के प्रमुख संत के रूप में लगभग साढ़े चार लाख से अधिक भक्ति गीतों की रचना की. उनके गीतों ने समाज में भक्ति और नैतिकता का संदेश दिया.

अरुणाचल कवि रामनाटकम् से श्रीराम का प्रसार

सीएम योगी ने कहा कि श्री अरुणाचल कवि ने तमिल भाषा में रामनाटकम् जैसे अमर काव्य के माध्यम से श्रीराम के आदर्शों और उनके मर्यादा पुरुषोत्तम स्वरूप को जन-जन तक पहुंचाया. उन्होंने कहा कि यह प्रेरणास्पद कृति आज भी तमिलनाडु में रामभक्ति का पर्याय मानी जाती है.

उत्तर और दक्षिण भारत की भक्ति एकता

योगी ने कहा कि यह आयोजन केवल प्रतिमा अनावरण का कार्यक्रम नहीं, बल्कि उत्तर और दक्षिण भारत की भावनात्मक एकता का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान दक्षिण भारत से भी लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे थे, जो राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे का नारा लगाते थे. आज वही भक्ति एकता का स्वरूप अयोध्या में मूर्त रूप ले रहा है.

काशी-तमिल संगमम का संदर्भ

सीएम योगी ने प्रधानमंत्री मोदी के काशी तमिल संगमम का उल्लेख करते हुए कहा कि काशी और तमिलनाडु के बीच बना यह सांस्कृतिक पुल भारत की आत्मा को जोड़ता है. उन्होंने कहा, संस्कृत और तमिल दोनों ही भारत की प्राचीन आत्मा की अभिव्यक्तियां हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह दोनों के बीच संवाद और सांस्कृतिक एकता को पुनर्जीवित किया, वही प्रयास अब अयोध्या में भी दिख रहा है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी

कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की उपस्थिति ने आयोजन को और ऐतिहासिक बना दिया. योगी ने कहा कि उन्होंने नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी रिफॉर्म लागू कर देशभर के नागरिकों को राहत दी है, जिससे व्यापार जगत में नई ऊर्जा आई है. उन्होंने कहा कि शारदीय नवरात्रि की प्रथम तिथि से शुरू हुई यह पहल भारतीय अर्थव्यवस्था के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बड़ा कदम है.

अयोध्या का वैश्विक केंद्र बनने की दिशा में कदम

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या आज केवल धार्मिक नगरी नहीं, बल्कि वैश्विक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में उभर रही है. प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप हम अयोध्या को भक्ति, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक पर्यटन का ऐसा केंद्र बनाना चाहते हैं, जहां उत्तर-दक्षिण, पूरब-पश्चिम सभी दिशाओं से श्रद्धालु आएं और रामभक्ति की धारा में एक हो जाएं.

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भक्त शामिल

इस अवसर पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, सूर्य प्रताप शाही, जयवीर सिंह, रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, डॉ. अमित सिंह चौहान, चंद्रभानु पासवान, रामचंद्र यादव, अभय सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे. कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश से आए भक्तों ने भी इस अवसर को ऐतिहासिक बताया. बृहस्पति कुंड के आस-पास जय श्रीराम के नारों के बीच भक्ति का वातावरण और भी दिव्य हो गया.

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