उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज लखनऊ में बसपा संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित एक बड़ी रैली को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला किया. इस दौरान मायावती ने यूपी की योगी सरकार का भी आभार जताया.
इस दौरान उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार की सराहना करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने स्मारक स्थलों के रखरखाव के लिए टिकट से मिली राशि का सही उपयोग किया.
मायावती ने कहा कि जब उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार थी और मान्यवर कांशीराम के आदर-सम्मान में यह स्मारक स्थल बनाया गया था तो उसी समय हमारी सरकार ने ये व्यवस्था की थी कि हम लोग यहां आने वालों से टिकट लेंगे. जिसका पैसा लखनऊ में बनाए गए स्मारक और पार्कों के रख-रखाव में इस्तेमाल किया जाएगा… लेकिन दुख की बात यह है कि वर्तमान भाजपा की सरकार से पहले यहां सपा की सरकार थी तो सपा सरकार ने उस टिकट के पैसे को दबाकर रखा.
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योगी सरकार का जताया आभार
मायावती ने आगे कहा, ‘सपा सरकार ने एक पैसा खर्च नहीं किया इनके रख-रखाव पर. हालत बड़ी जर्जर हो गई थी स्थलों की, ये ही नहीं और भी पार्क और स्थल थे जिनकी हालत बड़ी खराब हो गई थी. तब मैंने यूपी के मुख्यमंत्री को कहा लिखित चिट्ठी के लिए जरिए, उनसे रिक्वेस्ट की. हमने उनसे देखने वालों का पैसा इस पर खर्च करने को कहा. तो यूपी सरकार ने इस मामले को दिखवाया, उसके बाद उन्होंने हमें कमिट किया कि जो भी पैसा आया है टिकटों का, उसे दूसरे मद पर नहीं लगाएंगे, बल्कि स्थलों के रखरखाव पर लगाएंगे और उन्होंने ये लगाया. इसलिए हमारी पार्टी उनकी आभारी है. ‘
अखिलेश पर निशाना
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, “…जब वे(समाजवादी पार्टी) सरकार में रहते हैं तो न उन्हें PDA याद आता है, न कांशीराम जी की जयंती और न ही पुण्यतिथि लेकिन जब वे सत्ता से बाहर हो जाते हैं तो समाजवादी पार्टी को याद आता है कि हमें संगोष्ठी करनी चाहिए. मैं अखिलेश यादव से पूछना चाहती हूं कि यदि कांशीराम जी के प्रति आपका इतना ही आदर सम्मान था तो जब उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार थी और हमने अलीगढ़ मंडल में कासगंज नाम से एक जिला बनाया और उस जिले का नाम कांशीराम जी के नाम पर रखा गया था. समाजवादी पार्टी ने सत्ता में आते ही उसका नाम क्यों बदल दिया? हमने कांशीराम जी के नाम पर अनेकों संस्थानों के नाम रखें, अनेक योजनाएं शुरू की जिसे समाजवादी पार्टी ने सत्ता में आते ही बंद कर दिया… यह उनका दोहरा चरित्र नहीं है तो क्या है?”
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