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दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में PM केयर्स मशीनें खराब, 30% वेंटिलेटर फेल, RTI में खुलासा – Delhi government hospitals ventilator non functional PM CARES fail RTI Data ntcpmm


दिल्ली के टॉप सरकारी अस्पतालों में गंभीर लापरवाही का खुलासा हुआ है. RTI में सामने आया है कि हर तीन में से एक वेंटिलेटर अभी काम नहीं कर रहा. वहीं कुछ PM CARES वेंटिलेटर पूरी तरह बेकार पड़े हैं. ये रिपोर्ट स्वास्थ्य व्यवस्था में बरती जा रही बड़ी लापरवाही का खुलासा करती है.

इंड‍िया टुडे ने दिल्ली सरकार के कुछ प्रमुख सरकारी अस्पतालों जैसे मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (MAMC) और उससे जुड़े लोक नायक अस्पताल में दायर RTI से चिंता बढ़ाने वाली तस्वीर सामने आई है. डेटा से पता चला है कि इन अस्पतालों में हर तीन वेंटिलेटरों में से एक अभी काम नहीं कर रहा है यानी लगभग 31% वेंटिलेटर खराब पड़े हैं. ये डेटा बताता है कि कोरोना महामारी के समय जिन मशीनों ने लोगों की जान बचाई थी, आज उन्हीं की मेंटेनेंस में बड़ी लापरवाही हो रही है.

खस्ताहाल हैं वेंटिलेटर 

वेंटिलेटर महामारी के समय सबसे जरूरी मेडिकल उपकरण थे. ये जीवन रक्षक मशीनें आशा और उम्मीद की पहचान बन गई थीं. लेकिन अब पांच साल बाद India Today के एक्सक्लूसिव RTI से पता चला कि उनका रख-रखाव न के बराबर है.

RTI के तहत प्राप्त डेटा में कुल 297 वेंटिलेटर शामिल हैं जो MAMC, लोक नायक, दीनदयाल उपाध्याय, लाल बहादुर शास्त्री और सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर में लगाए गए थे. इनमें से 92 वेंटिलेटर काम नहीं कर रहे यानी कुल मशीनों की 31% मशीनें बेकार पड़ी हैं.

लोक नायक अस्पताल में हालात गंभीर

लोक नायक अस्पताल में स्थिति बहुत ही गंभीर है. एनेस्थीसिया, मेडिसिन और पीडियाट्रिक्स जैसी डिपार्टमेंट्स में 70 से ज्यादा वेंटिलेटर काम नहीं कर रहे. इसके उलट दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में ICU के 25 वेंटिलेटर पूरी तरह वर्क‍िंग हैं और लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में 13 में से सिर्फ 1 वेंटिलेटर ही खराब है.

PM CARES वेंटिलेटर भी फेल

सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि ज्यादातर खराब वेंटिलेटर PM CARES फंड से मिले वेंटिलेटर हैं. RTI डेटा के मुताबिक कम से कम 41 PM CARES मशीनें अभी काम नहीं कर रही हैं. कुछ वार्ड्स में पूरे PM CARES वेंटिलेटर ही फेल हैं जैसे कि लोक नायक अस्पताल के वार्ड 32 में 12 में से कोई भी वेंटिलेटर काम नहीं कर रहा.

वार्ड 31 में भी 8 PM CARE वेंटिलेटर पूरी तरह बेकार हैं. RTI में बताया गया कि इन वेंटिलेटरों का AMC/CMC फाइल अभी प्रोसेस में है. दूसरी तरफ, दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल का ICU (4th फ्लोर, एनेस्थीसिया विभाग) पूरी तरह फंक्शनल है यानी ये सबसे अच्छा उदाहरण है.

MAMC और लोक नायक के अन्य विभाग का हाल

ओब्स्टेट्रिक्स और गायनाकोलॉजी में कुल 41 वेंटिलेटर हैं जिनमें से 39 काम कर रहे यानी कुल का 95% फंक्शनल हैं. 
एनेस्थीसिया (ICU) में 33 वेंटिलेटर में 5 खराब और 85% फंक्शनल हैं. 
सुश्रुत ट्रॉमा सेंटरमें 14 वेंटिलेटर हैं और दो खराब हैं, यहां 86% फंक्शनल हैं. 

मेन कैजुअल्टी और इमरजेंसी यूनिट्स में हालात खराब 

यहां 7 वेंटिलेटरों में से 5 काम नहीं कर रहे यानी सिर्फ 29% फंक्शनल हैं. 
7वीं मंजिल के डिजास्टर वार्ड में 4 में से 2 काम कर रहे यानी कुल 50% फंक्शनल हैं. 
इमरजेंसी ICU (ग्राउंड फ्लोर) के 21 में से 11 वेंटिलेटर फेल हैं यानी कुल 48% फंक्शनल हैं. 
पीडियाट्रिक्स में 31 में से 7 फेल हैं और 77% फंक्शनल हैं. 
CCU, मेडिसिन में 25 में से 14 फेल हैं यानी 44% फंक्शनल हैं. 
मेडिसिन वार्ड्स 27 से 32 में  67 वेंट‍िलेटर्स में से 41 फेल है, कुल 39% फंक्शनल हैं. 
सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर में कैजुअल्टी यूनिट के दो वेंटिलेटर काम कर रहे हैं, ICU के 14 में से 2 फेल हैं. 

लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल का प्रदर्शन बेहतर 

यहां पीडियाट्रिक्स व‍िभाग के 4 में से 1 वेंट‍िलेटर फेल है यानी 75% फंक्शनल हैं. ICU के सभी 9 वेंटिलेटर फंक्शनल हैं. 

MRI मशीन का हाल

RTI से ये भी खुलासा हुआ कि गोविंद बल्लभ पंत अस्पताल और लोक नायक अस्पताल में सिर्फ एक-एक MRI मशीन ही काम कर रही है. दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटरों की खराब स्थिति चिंता बढ़ा रही है.

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