Dhanteras 2025: हर साल कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. पंच दिवसीय दीपोत्सव पर्व का शुभारंभ भी धनतेरस से ही होता है. इस दिन भगवान धनवंतरि और देवी लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है. कहते हैं कि इस दिन सोना-चांदी या नई चीजों की खरीदारी से धन-संपत्ति में 13 गुना वृद्धि होती है और आरोग्य का वरदान भी मिलता है. इस साल धनतेरस 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा. आइए जानते हैं कि धनतेरस के दिन राशिनुसार कौन सी चीजें खरीदना शुभ होगा.
धनतेरस पर राशिनुसार खरीदें ये चीजें
मेष राशि- मेष राशि के जातकों को धनतेरस के दिन चांदी का सिक्का खरीदना चाहिए. इस दिन आप पीतल का बर्तन भी घर लेकर आ सकते हैं.
वृष राशि– वृष राशि के जातकों को सोने के आभूषण खरीदने की सलाह दी गई है. यदि सामर्थ्य है तो आपके लिए हीरा खरीदना भी शुभ होगा.
मिथुन राशि– मिथुन राशि के जातक यदि कांसे के बर्तन खरीदें तो उत्तम होगा. इसके अलावा, इस दिन आपको पन्ना रत्न भी धारण करना चाहिए.
कर्क राशि– कर्क राशि के जातकों को लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदने की सलाह दी गई है. इस दिन मोतियों की माला खरीदकर भगवान को अर्पित करें.
सिंह राशि– सिंह राशि वाले सोने के आभूषण खरीद सकते हैं. इस दिन माणिक धातु धारण करना भी आपके लिए शुभ रहेगा.
कन्या राशि– कन्या राशि के जातक धनतेरस पर कांसे के बर्तन खरीद सकते हैं. इसके अलावा आप घर के लिए कोई डेकॉर आइटम भी खरीद सकते हैं.
तुला राशि– धनतरेस पर इस बार तुला राशि के जातकों को चांदी के आभूषण खरीदने चाहिए. आप चाहें तो चांदी के लक्ष्मी-गणेश या लक्ष्मी जी के चरण पादुका घर लेकर आ सकते हैं.
वृश्चिक राशि– धनतेरस पर वृश्चिक राशि वालों को तांबा या कांसा खरीदना चाहिए. आप इनके बर्तन या उपयोग में आने वाली कोई चीज घर ला सकते हैं
धनु राशि– धनु राशि वालों के लिए पीतल और सोना दोनों धातुएं खरीदना शुभ रहेगा. इस दिन आप घर के लिए दीपक या सजावट का समान लाएंगे तो शुभ रहेगा.
मकर राशि– मकर राशि के जातकों को इस दिन पीतल के बर्तन में धनिया लेकर आना चाहिए.
कुंभ राशि– कुंभ राशि के जातक धनतेरस पर चांदी के आभूषण या ताम्बे का कोई बर्तन खरीदें. आप ताम्बे का कलश घर लाएंगे तो शुभ होगा.
मीन राशि– मीन राशि के जातक चांदी या सोने का कोई आभूषण खरीद सकते हैं. यदि आप वाहन खरीदना चाहते हैं तो धनतेरस का दिन आपके लिए बहुत शुभ रहने वाला है.
धनतेरस की तिथि और मुहूर्त
धनतेरस– शनिवार, 18 अक्टूबर
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी प्रारंभ- 18 अक्टूबर दोपहर 12.08 बजे
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी समापन- 19 अक्टूबर दोपहर 01.51 बजे
प्रदोष काल- 18 अक्टूबर शाम 07.11 बजे से रात 09.22 बजे तक
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