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IPS सुसाइड केस: IAS पत्नी ने हरियाणा डीजीपी और एसपी के खिलाफ दी शिकायत, बोलीं- दोनों ने आत्महत्या के लिए उकसाया – ips y puran kumar suicide ias wife complaint dgp haryana ntc


हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के आत्महत्या के मामले ने प्रशासन और समाज में हलचल मचा दी है. उनके निधन के एक दिन बाद ही उनकी पत्नी अमनीत पी. कुमार, IAS (2001 बैच, हरियाणा कैडर) ने हरियाणा के डीजीपी समेत वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ गंभीर शिकायत दर्ज कराई है. 

दरअसल, आईएएस अमनीत कुमार इस घटना के वक्त मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व वाली डेलिगेशन में शामिल थीं, जो जापान गया हुआ था. बुधवार को ही वह वापस लौटी हैं. उन्होंने फिलहाल अपने पति का पोस्टमार्टम भी रुकवा दिया है. उनका कहना है कि जब तक उन्हें इंसाफ नहीं मिलता, पोस्टमार्टम नहीं होगा.

अधिकारी की पत्नी ने अपनी शिकायत में डीजीपी हरियाणा शत्रुजीत सिंह कपूर और एसपी रोहतक नरेंद्र बिजारनिया के खिलाफ BNS की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाने) और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.

शिकायत में लगाए ये आरोप

अमनीत कुमार, जो कि हरियाणा सरकार में विदेशी सहयोग विभाग की कमिश्नर और सचिव हैं, ने अपनी शिकायत में लिखा कि उनके पति पर लगातार जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न और प्रशासनिक पक्षपात किया गया. उनका आरोप है कि 2020 से लेकर उनके पति की मृत्यु तक सीएस, एसीएस होम, डीजीपी हरियाणा, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को कई बार शिकायतें और अनुरोध भेजे गए, लेकिन उनका कोई ठोस समाधान नहीं किया गया.

आईपीएस ने सुसाइड नोट में लगाए गंभीर आरोप

आईपीएस वाई पूरन कुमार का शव मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित अपने घर के बेसमेंट में पाया गया था. उनके पास से सुसाइड नोट और सर्विस गन बरामद हुई. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उनके शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया या उन्हें गलत तरीके से पेश किया. सरकारी आवास और वाहन वसूली में असुविधा और देरी हुई. उनके APAR (अधिकारी मूल्यांकन रिपोर्ट) में नकारात्मक और पक्षपाती टिप्पणियां लिखी गईं, जिससे उन्हें मानसिक उत्पीड़न और अपमान झेलना पड़ा. उनके खिलाफ अनुचित शिकायतें और अफवाहें फैलाई गईं, जबकि उनके वैध अनुरोधों को नजरअंदाज किया गया.

उन्होंने यह भी लिखा की उनके वेतन और भत्तों में अनावश्यक विलंब और रुकावटें आईं. छुट्टी और अन्य लाभों से वंचित किया गया, जिससे उन्हें निजी नुकसान उठाना पड़ा. उन्होंने आरोप लगाया कि कई वरिष्ठ अधिकारियों ने संगठित साजिश के तहत उन्हें लक्ष्य बनाया और उनका करियर बाधित किया. सुसाइड नोट में कुल 15 अधिकारियों के नाम शामिल हैं, जिनमें 7–8 आईपीएस और 4-5 आईएएस अधिकारी हैं. इनमें कुछ सेवा में हैं और कुछ रिटायर. सबसे ज्यादा आरोप पूर्व डीजीपी हरियाणा शत्रुजीत सिंह कपूर पर लगे हैं.

वसीयत में संपत्ति पत्नी के नाम की

वाई पूरन कुमार ने अपनी मृत्यु से एक दिन पहले, 6 अक्टूबर 2025 को अपनी वसीयत बनाई. इसमें उन्होंने स्पष्ट लिखा, “मैं अपनी पूरी चेतना और स्वतंत्र इच्छा से यह घोषणा करता हूं कि मेरी मृत्यु के बाद मेरी पत्नी अमनीत पी. कुमार, IAS मेरी सभी चल और अचल संपत्तियों की एकमात्र मालिक होंगी, जिसमें मेरा HDFC बैंक वेतन खाता, डिमैट शेयर, चंडीगढ़ के सेक्टर 11 में घर का 25% स्वामित्व, आईटी सिटी मोहाली में प्लॉट और गुरुग्राम में ऑफिस संपत्ति शामिल है, जैसा कि मेरे वार्षिक संपत्ति रिटर्न में घोषित किया गया है.”

ट्रांसफर के बाद से छुट्टी पर थे पूरन कुमार

पूरन कुमार का 29 सितंबर 2025 को तबादला हुआ था और वे तब से छुट्टी पर थे. वे इस समय पुलिस ट्रेनिंग सेंटर (PTC), सुनारिया, रोहतक में इंस्पेक्टर जनरल (IG) के पद पर कार्यरत थे. सूत्रों के मुताबिक, तबादले से वे नाराज थे और उन्होंने इसे प्रशासनिक अपमान बताया था. 

पूरन कुमार के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटियां और वृद्ध मां हैं. बड़ी बेटी अमेरिका में पढ़ाई कर रही है, जबकि छोटी बेटी चंडीगढ़ में रहती है. 

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