जापान ने मंगलवार को इजरायल को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि अगर उसके कदम ‘टू-स्टेट सॉल्यूशन’ की नींव को नष्ट करते हैं, तो टोक्यो प्रतिबंध लगाने या फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने पर विचार करेगा.
जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया ने कहा कि अब समय आ गया है कि इजरायल की एकतरफा कार्रवाई रोकी जाए, स्थायी संघर्षविराम, सभी बंदियों की रिहाई और गाजा में मानवीय सहायता को सुनिश्चित किया जाए.
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इवाया ने कहा, “अगर ऐसा कोई विकास होता है जो दो-राष्ट्र समाधान की नींव को पूरी तरह नष्ट कर देता है, तो जापान सभी विकल्पों पर विचार करेगा, जिनमें इजरायल पर प्रतिबंध लगाना या फिलिस्तीन को मान्यता देना शामिल है.”
जापानी मंत्री ने आगे कहा कि सभी पक्षों को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित शांति योजना के अनुसार काम करना चाहिए, जो क्षेत्र में स्थायी शांति का रास्ता दिखाती है.
इजरायल के समर्थन में खड़ा है अमेरिका
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमास हमलों की दूसरी बरसी पर कहा कि अमेरिका इजरायल के साथ अपनी “अडिग प्रतिबद्धता” दोहराता है. रूबियो ने कहा, “अमेरिका इजरायल के अस्तित्व, उसकी आत्मरक्षा और अपने नागरिकों की सुरक्षा के अधिकार के प्रति अटूट समर्थन दोहराता है.”
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अमेरिकी मंत्री ने यह भी कहा कि दुनिया भर में यहूदी-विरोधी घटनाओं में बढ़ोतरी चिंताजनक है, और अमेरिका इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने कहा, “यह त्रासदी हमें याद दिलाती है कि ऐसे बुरे कृत्य दोबारा कभी न हों, इसके लिए हमें एकजुट रहना होगा.”
गाजा वार्ता में ट्रंप के दूत शामिल
ट्रंप प्रशासन के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ़ और जारेड कुश्नर बुधवार को मिस्र के शरम अल-शेख में ट्रंप की गाजा शांति योजना पर बातचीत में शामिल होंगे. सूत्रों के अनुसार, दोनों दूत तब तक मिस्र में रहेंगे जब तक बंधकों की रिहाई और युद्धविराम समझौते पर सहमति नहीं बन जाती.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के शीर्ष सलाहकार रॉन डर्मर, और कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी भी वार्ता में शामिल होंगे. इससे पहले मंगलवार को पहले दौर की मीटिंग हो चुकी है, और इसका मकसद गाजा में युद्धविराम लागू करना है.
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