अमेरिका में लगभग एक सप्ताह से जारी शटडाउन से जहां एक तरफ लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। वहीं अब ये शटडाउन सरकारी कर्मचारियों के लिए भी चिंता का विषय बनता जा रहा है। कारण है कि ट्रंप प्रशासन ने मंगलवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि सरकार बंद रहने (शटडाउन) की स्थिति में सरकारी कर्मचारियों को पिछला वेतन मिलना तय नहीं है। प्रशासन का इस मामले में कहना है कि वेतन को लेकर फैसला अब कांग्रेस पर निर्भर करेगा कि वह वेतन दे या नहीं।
बता दें कि ट्रंप प्रशासन का यह फैसला उस नीति से उलट है जो पहले से चली आ रही थी, जिसमें शटडाउन के बाद करीब 7.5 लाख कर्मचारियों को वेतन दिया जाता था। 2019 में ट्रंप ने ही एक कानून पर साइन किया था, जिसमें तय किया गया था कि शटडाउन के बाद सभी कर्मचारियों को वेतन मिलेगा। लेकिन अब व्हाइट हाउस के बजट कार्यालय (ओएमबी) की एक नई चिट्ठी में कहा गया है कि यह वेतन केवल तभी मिलेगा जब कांग्रेस इसे मंजूरी देगी।
ये भी पढ़ें:- US: ‘मैंने जो कहा, वह बहुत असरदार था, वे रुक गए’, ट्रंप ने फिर किया भारत-पाकिस्तान संघर्ष रुकवाने का दावा
ड्रेमोक्रेट्स पर दवाब बनाने की रणनीति?
शटडाउन की स्थिति में ट्रंप प्रशासन का ये कदम डेमोक्रेट्स पर दबाव बनाने की रणनीति माना जा रहा है ताकि वे सरकार फिर से शुरू करने के लिए राजी हो जाएं। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष माइक जॉनसन ने कहा कि इससे डेमोक्रेट्स पर सही कदम उठाने का दबाव बढ़ेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि उन्होंने यह पूरा मेमो नहीं पढ़ा है।
डेमोक्रेट्स ने बताया डराने की साजिश
वहीं, इस मामले में डेमोक्रेटिक सीनेटर पैटी मरे ने ट्रंप प्रशासन पर हमला बोलते हुए कहा कि यह कर्मचारियों को डराने और धमकाने की कोशिश है। अमेरिकी कानून के तहत ये बात पहले से स्पष्ट है कि शटडाउन के बाद सभी कर्मचारियों को वेतन मिलना चाहिए। अब तक की परंपरा रही है कि शटडाउन के दौरान भले ही कर्मचारियों को तन्ख्वाह न मिले, लेकिन बाद में उन्हें पूरा पैसा लौटा दिया जाता है। लेकिन ट्रंप प्रशासन का यह नया रुख कानूनी लड़ाई को जन्म दे सकता है। इस मुद्दे पर फिलहाल कांग्रेस में कोई सहमति नहीं बनी है। डेमोक्रेट्स स्वास्थ्य सेवाओं के फंड की मांग कर रहे हैं, वहीं रिपब्लिकन इसे टालने के पक्ष में हैं।
ये भी पढ़ें:- US: क्या नाबालिगों के लिए ‘कन्वर्जन थेरेपी’ पर रोक लगा सकते हैं अमेरिकी राज्य? सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई