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हिमांशु भाऊ पर लगा मकोका, भगोड़ा अपराधी घोषित… जानिए कुख्यात गैंगस्टर की काली करतूतों की कहानी – himanshu bhau gang mcoca delhi police declared proclaimed offender opnm2


दिल्ली पुलिस ने कुख्यात अपराधी हिमांशु भाऊ और उसके गिरोह पर बड़ा एक्शन लिया है. पुलिस ने उसके गैंग के 10 सदस्यों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम यानी मकोका लगा दिया है. इस गिरोह का सरगना हिमांशु भाऊ विदेश में बैठकर हिंदुस्तान में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता था. उसको और उसके करीबी सहयोगी साहिल को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है.

संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) सुरेंद्र कुमार ने बताया कि दो फरार आरोपियों के खिलाफ उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलाने का अनुरोध किया गया है. मकोका लगाने का मतलब है कि यदि आरोपियों को गिरफ्तार किया जाता है तो उन्हें अन्य आपराधिक कानूनों की तुलना में लंबे समय तक जेल में रहना पड़ सकता है. किसी भी परिस्थिति में उनके लिए जमानत हासिल करना मुश्किल होता है.

इस गिरोह के दस सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है. मकोका के तहत उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है. पुलिस जांच में सामने आया है कि यह गिरोह साल 2020 से सक्रिय है. उसने व्यापारियों, प्रॉपर्टी डीलरों और सार्वजनिक हस्तियों को निशाना बनाकर जबरन वसूली, अपहरण और हत्या जैसे अपराधों को अंजाम दिया. पूरे दिल्ली-एनसीआर में डर का माहौल बना दिया है.

दिल्ली के तिलक नगर और नारायणा में कार शोरूम पर गोलीबारी और राजौरी गार्डन के एक रेस्टोरेंट में प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्य की हत्या जैसी वारदातें इसी गिरोह से जुड़ी पाई गई हैं. 6 मई 2024 को तिलक नगर के एक कार शोरूम में हुई गोलीबारी की घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी थी. तीन हमलावरों ने शोरूम के अंदर-बाहर ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिसमें छह लोग घायल हो गए थे. 

पुलिस की जांच में पता चला कि यह हमला गैंगस्टर हिमांशु भाऊ के आदेश पर किया गया था. वो इसके जरिए स्थानीय व्यापारियों में खौफ पैदा करना चाहता था. इस घटना के अगले दिन शिकायतकर्ता को एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से 5 करोड़ रुपए की फिरौती की कॉल आई थी. इसके बाद इस केस में जबरन वसूली से संबंधित बीएनएस की धाराएं जोड़ी गईं और फिर मकोका लगाया गया.

संयुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया, “इस गिरोह की गतिविधियों का संचालन विदेश से हिमांशु भाऊ कर रहा है. उसके पुर्तगाल के रास्ते फर्जी पासपोर्ट के जरिए भारत से भागने का संदेह है.” पुलिस ने बताया कि इस गिरोह के चार सक्रिय सदस्य अब तक मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं, जबकि बाकी की तलाश में अभियान जारी है. इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच की नारकोटिक्स और ड्रग्स (एनडीआर) इकाई कर रही है.

Himanshu Bhau Gang

जानिए कौन है हिमांशु भाऊ?

महज 22 साल की उम्र में हिमांशु भाऊ ने अपराध करना शुरू कर दिया था. हरियाणा के रोहतक जिले के रतौली गांव का रहने वाला ये लड़का कुछ ही वर्षों में खौफ का दूसरा नाम बन गया. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, उसके खिलाफ 18 से अधिक संगीन मामले दर्ज हैं. उसे गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का कट्टर दुश्मन माना जाता है. साल 2022 में हिमांशु भाऊ ने 24 घंटे के भीतर तीन हत्याएं कर डाली थीं. 

फर्जी पासपोर्ट के जरिए विदेश भागा

इस वारदात ने हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में दहशत फैला दी थी. पुलिस के बढ़ते दबाव के बीच वो फर्जी पासपोर्ट के जरिए विदेश भाग गया. जांच एजेंसियों ने उसकी आखिरी लोकेशन पुर्तगाल में ट्रेस की थी. विदेश पहुंचने के बावजूद हिमांशु भाऊ ने दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में अपने नेटवर्क को कायम रखा. उसके इशारे पर उसका गिरोह लगातार वारदातों को अंजाम देता रहा है.

इनाम और इंटरपोल का नोटिस

हरियाणा पुलिस ने हिमांशु भाऊ पर 2.5 लाख रुपए और दिल्ली पुलिस ने एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया है. इतना ही नहीं इंटरपोल ने इस कुख्यात गैंगस्टर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर रखा है. उसका गिरोह खासतौर पर प्रॉपर्टी डिलरों, शराब के धंधेबाजों और सट्टेबाजों को निशाना बनाता है. गिरोह की पूरी कमाई फिरौती और रंगदारी के जरिए होती है, जिसे विदेश में बैठे भाऊ तक पहुंचाया जाता है.

Himanshu Bhau Gang

मुरथल केस में भाऊ गैंग का नाम

साल 2024 में हरियाणा के मुरथल में हुए एक जघन्य हत्याकांड ने हिमांशु भाऊ गैंग को सुर्खियों में ला दिया. गुलशन ढाबा के पास शराब कारोबारी सुंदर मलिक को कार से बाहर निकालकर दो हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया. करीब 35 राउंड गोलियां चलाई गईं और मौके पर ही उसकी जान चली गई. इस वारदात के कुछ घंटों बाद सोशल मीडिया पर डाली गई एक पोस्ट ने सनसनी फैला दी.

अमेरिका से चल रहा है नेटवर्क

इसमें हिमांशु भाऊ गैंग ने हत्याकांड की जिम्मेदारी ली थी. इस पोस्ट में लिखा गया था कि सुंदर मलिक नीतू डाबोडिया गैंग से जुड़ा था और अब शराब का कारोबार कर रहा था. भाऊ गैंग को उससे दिक्कत थी, इसलिए सबक सिखाने के लिए उसे रास्ते से हटा दिया गया. हिमांशु भाऊ अमेरिका में रहकर अपने गिरोह को ऑपरेट कर रहा है. हरियाणा के काला खर्मपुर, नीरज फरीदपुर और सौरभ गिडोली उसके भरोसेमंद साथी हैं. 

जांच एजेंसियों की निगाहें विदेश तक

हिमांशु भाऊ का गैंग सोशल मीडिया के जरिए नए लड़कों खासकर नाबालिगों को अपराध की दुनिया में खींचता है. उन्हें वारदातों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. हरियाणा के गोहाना में हलवाई मातूराम की दुकान पर हुई फायरिंग और करोड़ों की रंगदारी वसूली ने पहली बार हिमांशु भाऊ गैंग को सुर्खियों में लाया था. दिल्ली पुलिस, हरियाणा एसटीएफ और इंटरपोल इस गिरोह के नेटवर्क की जांच कर रही है.

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