राजस्थान और मध्यप्रदेश में कफ सिरप पीने के बाद कई बच्चों की मौत के मामले सामने आए हैं, जिससे लोगों में डर और गुस्सा दोनों देखने को मिल रहा है. जिस कंपनी का ये सिरप है, उस पर अब गंभीर सवाल उठ रहे हैं और जांच जारी है कि आखिर बच्चों की मौत की असली वजह क्या है. खांसी-जुकाम होने पर लोग सबसे पहले कफ सिरप ही पीते हैं, लेकिन लोग इस बात से अनजान हल्की खांसी आते ही कफ सिरप पीना सही नहीं होता है.
सबसे पहले तो जानते हैं कि खांसी क्यों होती है और कब खांसी को लेकर चिंता करने की जरूरत है और कब नहीं. कफ सिरप का काम क्या होता है और इसे कब लेना चाहिए, इन सभी सवालों के जवाब आपको हमारे इस आर्टिकल में मिलेंगे.
खांसी क्यों आती है?
खांसी सभी को आती है, किसी को हल्की खांसी होती है तो किसी को इस कदर तेज खांसी आती है कि ऐसा महसूस होता है कि पसलियां तक टूट जाएंगी. एक्सपर्ट के अनुसार, हर साल करोड़ों लोग खांसी के चलते डॉक्टर के पास जाते हैं. उनका ये भी कहना है कि खांसी की वजह से सबसे ज्यादा लोग अस्पताल जाते हैं.
खांसी शरीर की एक रक्षा प्रणाली है. जब आपके गले या फेफड़ों में धूल, गंदगी या कोई बाहरी चीज चली जाती है तो शरीर उसे बाहर निकालने के लिए खांसी करता है. यानी खांसी हमेशा बुरी नहीं होती है, ये शरीर को नेचुरली साफ रखने में मदद करती है.
खांसी के कितने प्रकार होते हैं?
गीली खांसी: इसमें कफ या बलगम निकलता है, ये फेफड़ों को साफ करने में मदद करती है.
सूखी खांसी: इसमें बलगम नहीं निकलता, लेकिन गले में जलन या सनसनाहट होती है.
तीव्र खांसी(पैरोक्सिस्मल खांसी) : पैरोक्सिस्मल खांसी अचानक और तेज होने वाली खांसी को कहते हैं. ये आमतौर पर 2-3 हफ्तों में ठीक हो जाती है.
क्रूप खांसी: क्रूप खांसी एक वायरल इंफेक्शन है और कुछ हफ्तों तक बनी रहती है. इसमें श्वास नली में सूजन आ जाती है और बच्चों में अजीब खांसने की आवाज आती है और सांस लेते समय भी कर्कश आवाज निकलती है.
पुरानी खांसी: एक पुरानी खांसी होती है जो वयस्कों में 8 हफ्तों से अधिक और बच्चों में 4 हफ्तों से ज्यादा तक रहती है.
खांसी का क्या कारण है?
गीली खांसी के कारण
- वायरस: सर्दी-जुकाम या फ्लू की वजह से गीली खांसी होती है.
- पोस्टनासल ड्रिप: जब नाक बंद होने पर बलगम गले में जाकर खांसी होती है.
- सीओपीडी (COPD): फेफड़ों की बीमारी जो ज्यादातर स्मोकिंग करने वालों में होती है.
- हार्ट फेल्योर: दिल कमजोर होने पर फेफड़ों में पानी भर जाता है, जिससे खांसी होती है.
सूखी खांसी के कारण
- धूल, पराग या फफूंद से एलर्जी या अस्थमा होने पर सूखी खांसी हो सकती है.
- सिगरेट का धुआं या तेज खुशबू भी गले पर लगने से खांसी होती है.
- पेट का एसिड गले तक आने से जलन होती है, उससे भी खांसी आती है.
- कुछ दवाइयां और सूखी हवा भी खांसी का कारण हो सकते हैं.
रात में खांसी क्यों बढ़ जाती है?
आपने अक्सर लोगों को ये कहते सुना होगा कि उनको रात को खांसी बढ़ जाती है, जिसकी वजह से वो सो नहीं पाते हैं. इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि लेटने पर बलगम गले में जमा हो जाता है, जिससे खांसी होने लगती है. लेटते हुए एसिड रिफ्लक्स में पेट का एसिड ऊपर आ जाता है और दिल कमजोर होने पर लेटने से फेफड़ों में लिक्विड बढ़ जाता है. इन सभी कारणों से रात को सोते समय लोगों को ज्यादा खांसी आती है.
खांसी हमेशा नुकसान क्यों नहीं पहुंचाती है?
फेफड़ों में बलगम जमने और सांस की नली में धूल चले जाने पर खांसी के जरिए शरीर उसे बाहर निकालता है. अगर हम इस समय खांसी को रोक देते हैं तो बलगम और इंफेक्शन अंदर ही रह जाता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत, निमोनिया और ब्रोंकाइटिस जैसे इंफेक्शन हो सकते हैं. इतना ही नहीं, फेफड़ों में सूजन भी हो सकती है. इसलिए ही हर बार खांसी नुकसान नहीं पहुंचाती है, बल्कि हमारे शरीर की सफाई करती है.
खांसी होने पर तुरंत कफ सिरप पीना क्यों गलत है?
सबसे पहले तो हमें ये जानना जरूरी है कि कफ सिरप खांसी को दबाने और कफ को पतला करने के लिए बनाए जाते हैं. लेकिन हर खांसी में दवा लेना जरूरी नहीं होता है, क्योंकि बिना खांसी का कारण जाने दवाई लेना खतरनाक भी हो सकता है. हर कफ सिरप अलग तरह की खांसी के लिए होता है और गलत सिरप पीने से असर नहीं होता है, हालांकि साइड इफेक्ट जरूर हो सकता है.
- गीली खांसी में कफ सिरप खांसी को दबा देता है, जबकि शरीर इस समय बलगम को शरीर बाहर निकालने की कोशिश कर रहा होता है. लेकिन जब हम सिरप पी लेते हैं तो वो बलगम अंदर ही रह जाता है.
- कई कफ सिरप में स्लीपिंग एजेंट और अल्कोहल होता है जो बच्चों और बुजुर्गों दोनों के लिए ही ठीक नहीं है.
- बार-बार कफ सिरप पीने से बॉडी का नेचुरल प्रोसेस कमजोर होने लगता है, इसलिए थोड़ी खांसी होने पर घरेलू उपाय ही करना सही होता है.
- इसके साथ ही बिना डॉक्टर की सलाह के खांसी-जुकाम में कोई भी दवा या कफ सिरप पीना शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है.
खांसी होने पर करें ये घरेलू नुस्खे
गर्म पानी या काढ़ा पिएं.
गुनगुने नमक वाले पानी से गरारे करें.
भाप लें ताकि हवा में नमी बनी रहे.
सिर ऊंचा रखकर सोएं.
डॉक्टर के पास कब जाएं?
खांसी नॉर्मल भी हो सकती है और कभी-कभी किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकती है. इसलिए खांसते समय कुछ लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
- खांसते समय खून आना.
- सांस लेने में दिक्कत हो या दम घुटने लगे.
- सीने में दर्द या भारीपन महसूस होना.
- खांसी 3 हफ्तों से अधिक समय तक बनी रहे.
- बुखार आना या पीला-हरा कफ निकलना.
- रात में लगातार खांसी से नींद न आना, थकान महसूस होना.
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