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यूएस आर्मी में दाढ़ी पर बैन से सिख समुदाय नाराज, धार्मिक छूट खत्म हो जाए तो सबसे ज्यादा असर किन पर? – american army religious exception beard ban sikh Jewish community US military ntcpmj


अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद से नए-नए आदेश आ रहे हैं. सेना भी इससे बची नहीं. हाल में उसके डिफेंस विभाग ने एक आदेश दिया कि सेना में शामिल लोग बढ़ी हुई दाढ़ी नहीं रख सकेंगे. इसके तुरंत बाद ही नॉर्थ अमेरिकी पंजाबी एसोसिएशन ने एतराज जताते हुए कहा कि इसका असर सिखों ही नहीं, मुस्लिम और यहूदियों पर भी पड़ेगा. बात में दम भी है. अमेरिकी आर्मी में भारी संख्या में यहूदी हैं, जिन्हें सबसे ज्यादा धार्मिक छूट मिलती रही. 

क्या कहा गया आदेश में

सितंबर के अंत में यूएस डिफेंस सेक्रेटरी पीटर हेगसेथ ने कहा कि अगर लोग दाढ़ी रखना चाहते हैं तो उन्हें स्पेशल फोर्स जॉइन करना चाहिए. अगर नहीं तो उन्हें शेव करना होगा. उनके इस स्टेटमेंट के बाद ही पेंटागन ने एक आदेश निकाल दिया. इसके तहत सेना की सभी शाखाओं को 2010 से पहले के स्टैंडर्ड में वापस लौटना होगा. इसके लिए 90 दिन की मियाद तय की गई. हालांकि स्पेशल फोर्स को इसमें छूट है क्योंकि वे मिशन पर जाते हैं, जहां जरूरतें अलग होती हैं. 

क्यों क्लीन-शेव होने पर जोर

सेना को वॉर जोन में कई चीजें झेलनी पड़ सकती हैं. अब तो तकनीक और विकसित हो चुकी. हो सकता है कि जहां वे लड़ रहे हों, दुश्मन वहां किसी जहरीली गैस का रिसाव कर दे या फिर किसी और तरह का केमिकल या बायोलॉजिकल अटैक हो. इस स्थिति से बचने के लिए गैस मास्क लगाना होता है. चेहरे पर बाल से मास्क की सील ठीक से बंद नहीं हो पाती, जिससे खतरा रहता है. इसके अलावा एक कारण और है- यूनिफॉर्मिटी. सेना के सभी लोग एक जैसे लगें, इसलिए भी ये स्टैंडर्ड बना. 

US military (Photo- Pexels)
यूएस मिलिट्री में ईसाइयों के बाद यहूदी अमेरिकी सबसे ज्यादा है. (Photo- Pexels)

लगभग डेढ़ दशक पहले हुआ बदलाव

साल 2010 में यूएस आर्मी ने पहली औपचारिक धार्मिक छूट दी. शुरुआत में ये छूट सिर्फ दो सिख अफसरों को मिली. सात साल बाद सभी सिख सैनिकों को दाढ़ी रखने, पगड़ी पहनने जैसी धार्मिक मान्यताओं पर छूट मिलने लगी. अगले दो सालों में धार्मिक वजह देने पर सभी लोगों को गुंजाइश मिली. 

अब भी ये छूट पूरी तरह खत्म नहीं हुई है. जो समय दिया गया, उसमें सैनिकों को दस्तावेज देने होंगे और साबित करना होगा कि क्यों दाढ़ी उनके धर्म में जरूरी है. साथ ही ये भी बताना होगा कि वे धर्म से जुड़ी सारी मान्यताओं को फॉलो करते हैं. साबित होने पर उन्हें रिलीजियस एग्जेम्प्शन मिल सकता है. 

सिख समुदाय आदेश का विरोध कर रहा है. उसका तर्क है कि इससे सिर्फ सिख ही नहीं, बल्कि मुस्लिमों और ऑर्थोडॉक्स यहूदियों को भी मुश्किल हो सकती है. इन सारे धर्मों में दाढ़ी रखना जरूरी है. इस तरह के कदम से सैनिकों की धार्मिक पहचान खत्म हो सकती है. ये भी डर है कि इसके बाद बहुत से सैनिक सेना से दूरी बना लें और डायवर्सिटी खत्म हो जाए. 

फिलहाल आदेश केवल दाढ़ी को लेकर निकला है, लेकिन डर है कि जल्द ही मामला आगे जा सकता है और सभी तरह की धार्मिक छूट बंद हो सकती है. अगर ऐसा हुआ तो अमेरिकी सेना में सेवाएं देते यहूदियों को सबसे ज्यादा परेशानी हो सकती है. वे सेना में भारी संख्या में हैं और उनके लिए रिलीजियस एग्जेम्प्शन भी काफी हैं. 

Jewish religious traditions (Photo- Pixabay)
ऑर्थोडॉक्स यहूदी कोशर खाने को लेकर काफी कट्टर रहे. (Photo- Pixabay)

ईसाइयों के बाद यहूदी सबसे बड़ा धार्मिक समूह है. अमेरिकी यहूदियों के बारे में माना जाता है कि वे 18वीं सदी से अमेरिकी फोर्स में काम करते रहे. उन्होंने पहले और दूसरे विश्व युद्ध के अलावा भी कई लड़ाइयां लड़ीं, यहां तक कि अमेरिकी सिविल वॉर में भी शामिल रहे. लंबे जुड़ाव के बीच जाहिर तौर पर उन्हें धार्मिक छूट भी मिलने लगी. 

यहां तक कि यहूदी सैनिकों के लिए खानपान तक अलग होता है. दरअसल ऑर्थोडॉक्स यहूदी कोशर फूड खाते हैं. इसके लिए डायनिंग हॉल में दूसरा बंदोबस्त किया जाता है. आमतौर पर कैंटीन में कुछ खाने-पीने की चीजें अलग रखी जाती हैं ताकि यहूदी सैनिक अपने धार्मिक नियम के अनुसार खा सकें. फील्ड या ऑपरेशन के दौरान पक्का किया जाता है कि धार्मिक तौर पर कट्टर लोगों को रेडी-टू-ईट कोशर मिल सके. 

इसमें ध्यान रखा जाता है कि उन्हें मांस और डेयरी प्रोडक्ट उसी तरह के मिलें, जैसा वे चाहते हैं. इसे पकाने की तैयारी और बर्तनों की सफाई पर खास ध्यान दिया जाता है. 

कोशर फूड क्या है

यह यहूदी धर्म के अनुसार तैयार किया जाता है. इसमें कुछ नियम होते हैं. मसलन, मांस और दूध या उसके उत्पाद एक ही खाने में नहीं होते. कई जीवों का मीट नहीं खाया जा सकता. जमीन से निकली सब्जियों और फलों की सफाई बेहद जरूरी है. अमेरिकी सेना में बाकी सैनिक सामान्य खाना खाते हैं, जिसमें मिक्स मांस, डेयरी और दूसरी चीजें होती हैं. यहूदी सैनिकों के लिए कोशर अलग इसलिए होता है ताकि वे धार्मिक नियम तोड़ें बिना खाना खा सकें.

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