0

सिस्टम से लड़ाई, विवादों से नाता और अब सुसाइड… जानें कौन थे हरियाणा के IPS वाई पूरन कुमार? – haryana ips y puran kumar suicide chandigarh ptc sunaria controversy ntcpvz


IPS Y Puran Kumar Found Dead: हरियाणा पुलिस के तेज-तर्रार और विवादों में घिरे आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार अब इस दुनिया में नहीं रहे. उनकी जिंदगी का अंत उतना ही रहस्यमयी रहा, जितना उनका प्रशासनिक सफर. 2001 बैच के इस आईपीएस अफसर ने कभी सत्ता के सामने झुकना नहीं सीखा. वो सिस्टम में रहते हुए भी भ्रष्टाचार, प्रशासनिक विसंगतियों और ऊंचे ओहदों पर बैठे अधिकारियों के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहे. उन्होंने 7 अक्टूबर 2025 को चंडीगढ़ में मौजूद अपने सरकारी आवास में खुद को गोली मारकर जान दे दी. इस घटना ने पूरे पुलिस महकमे को झकझोर दिया है.

कौन थे वाई पूरन कुमार?
वाई. पूरन कुमार हरियाणा कैडर के 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे. वे अपने सख्त और निर्भीक स्वभाव के लिए जाने जाते थे. उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं. वे आईजीपी (रोहतक रेंज), आईजीपी (कानून-व्यवस्था), आईजी (दूरसंचार) और हाल में आईजी, पुलिस ट्रेनिंग सेंटर (PTC) सुनारिया, रोहतक के पद पर तैनात रहे. सरकार ने 2025 के मध्य में एक ट्रांसफर आदेश के तहत उन्हें रोहतक रेंज से हटाकर PTC सुनारिया भेजा था. यही उनकी अंतिम तैनाती थी. 

आत्महत्या पर सवाल
7 अक्टूबर 2025 की सुबह, चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित उनके सरकारी आवास से गोली चलने की आवाज सुनाई दी. जब पुलिस टीम अंदर पहुंची, तो वाई. पूरन कुमार को खून से लथपथ हालत में पाया गया. सूत्रों के मुताबिक उन्होंने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारी थी. घटना के वक्त उनकी पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत कौर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ विदेश दौर पर जापान में थीं. मौके पर चंडीगढ़ के आईजी और वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे और घटना की जांच शुरू की गई. फिलहाल मामले की जांच चंडीगढ़ पुलिस ही कर रही है.

उनकी मौत ने पूरे प्रशासनिक ढांचे को हिलाकर रख दिया, क्योंकि पूरन कुमार और उच्चाधिकारियों के बीच लंबे समय से टकराव के हालात थे और कई बार वह खुद को सिस्टम का शिकार बताते रहे थे.

विवादों और संघर्षों से भरा करियर
आईपीएस वाई. पूरन कुमार का नाम अक्सर सरकारी पत्राचार, कोर्ट याचिकाओं और शिकायतों में दिखाई देता था. वे अपने विभाग के भीतर भेदभाव, मनमानी और गैर-कानूनी आदेशों के खिलाफ खुलकर आवाज उठाने वाले अफसर थे. 

– उन्होंने जुलाई 2020 में तत्कालीन डीजीपी मनोज यादव पर गंभीर आरोप लगाए कि उन्हें व्यक्तिगत रंजिश और जातीय भेदभाव के चलते टारगेट किया जा रहा है. पूरन कुमार ने यह भी कहा कि उन्हें बार-बार ऐसी पोस्टिंग दी जा रही हैं, जो उनके कैडर से बाहर हैं.

– उन्होंने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा पर भी पक्षपाती जांच रिपोर्ट तैयार करने का आरोप लगाया और हरियाणा हाईकोर्ट से मांग की कि जांच किसी स्वतंत्र अधिकारी को सौंपी जाए. इसी सिलसिले में उन्होंने हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल कीं, जिनमें उन्होंने पुलिस विभाग के अंदर पद सृजन, तबादलों और आवास आवंटन जैसे प्रशासनिक निर्णयों की वैधता पर सवाल उठाए थे.

– वाई. पूरन कुमार ने हरियाणा सरकार द्वारा बिना वित्त विभाग की अनुमति के नए पुलिस पद सृजित करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. उन्होंने यह भी मुद्दा उठाया कि एक ही अधिकारी को दो-दो सरकारी आवास अलॉट करना नियमों का उल्लंघन है.

– साल 2024 में उन्होंने डीजीपी शत्रुजीत कपूर के खिलाफ चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शिकायत की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि हरियाणा पुलिस सेवा (HPS) अधिकारियों के अस्थायी ट्रांसफर शासनादेश के खिलाफ किए गए हैं और इनकी जांच होनी चाहिए.

प्रशासनिक उत्पीड़न और सुरक्षा को लेकर चिंता
आईपीएस वाई. पूरन कुमार ने लगातार यह कहा कि उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा परेशान किया जा रहा है और उनकी शिकायतों को दबाया जा रहा है. उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया था कि उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है और उन्हें सुरक्षा को लेकर खतरा महसूस हो रहा है. उनकी शिकायत के बाद हरियाणा के DGP को उनकी सुरक्षा स्थिति का आकलन करने का निर्देश दिया था. इससे साफ था कि वे मानसिक रूप से दबाव में थे और प्रशासनिक स्तर पर खुद को असहाय महसूस कर रहे थे.

ईमानदार अफसर का अधूरा सफर
वाई. पूरन कुमार का पूरा करियर ईमानदारी और संस्थागत पारदर्शिता के लिए संघर्ष का प्रतीक रहा. वे अक्सर कहते थे कि पुलिस सेवा में निष्पक्षता और संवैधानिक मूल्य सर्वोपरि हैं. लेकिन उन्हीं आदर्शों के लिए लड़ते-लड़ते वे सिस्टम के भीतर अकेले पड़ गए. उनकी अचानक मौत ने न केवल हरियाणा पुलिस, बल्कि पूरे सिविल प्रशासन को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आखिर क्यों टूट गया?

जांच और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
चंडीगढ़ पुलिस ने आत्महत्या के कारणों की जांच शुरू कर दी है. उनकी पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत कौर के लौटने के बाद बयान दर्ज किए जाएंगे. फिलहाल, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है. हरियाणा सरकार ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है, लेकिन पुलिस जगत में यह सवाल गूंज रहा है कि क्या वाई. पूरन कुमार प्रशासनिक दबाव का शिकार बन गए?

—- समाप्त —-