राजस्थान और मध्य प्रदेश में छोटे बच्चों की संदिग्ध मौतों के बाद केंद्र सरकार हरकत में आ गई है. खांसी-जुकाम से पीड़ित दो साल से कम उम्र के बच्चों को अब किसी भी तरह का सिरप नहीं दिया जाएगा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए देशभर के सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को सख्त आदेश जारी किए हैं.
यह कदम बच्चों की सुरक्षा और दवा नियंत्रण व्यवस्था को मजबूत करने के लिए उठाया गया है. राजस्थान और मध्य प्रदेश में हाल ही में कॉल्ड्रिफ नाम के सिरप पीने के बाद कई बच्चों की मौत हुई थी. इस घटना के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने देर शाम नई गाइडलाइन जारी की.
दो साल से कम उम्र के बच्चों को सिरप देने पर रोक
निर्देशों के बाद छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले की लखीराम मेडिकल कॉलेज और अन्य अस्पतालों को आदेश दिया गया है कि बिना डॉक्टर की सलाह किसी भी बच्चे को सिरप न दिया जाए. पंजाब, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश ने भी एहतियाती आदेश जारी किए हैं.
लखीराम मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग प्रभारी डॉक्टर एल. के. सोनी ने बताया कि अब दो साल से कम उम्र के बच्चों को कोई भी कफ सिरप नहीं लिखने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों में सिरप की जरूरत बहुत कम होती है, इसलिए प्राकृतिक तरीके से इलाज करने पर जोर दिया जा रहा है.
बच्चों की मौत के बाद केंद्र सरकार ने उठाए सख्त कदम
कॉलेज के डीन डॉक्टर विनीत जैन ने बताया कि भारत सरकार के दिशा-निर्देश के बाद सभी विभागों को सिरप न देने के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और अब इस नियम का सख्ती से पालन किया जाएगा. बच्चों की मौत के बाद अब केंद्र सरकार पूरी तरह अलर्ट है. नई गाइडलाइन का मकसद साफ है. बच्चों की जान से अब कोई समझौता नहीं.
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