हरियाणा पुलिस में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और एडीजीपी (ADGP) वाई.एस. पूरन ने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने घर में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. घटना के समय उनकी पत्नी, जो खुद एक आईएएस अधिकारी हैं, मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ जापान दौरे पर थीं. फिलहाल आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है और प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है.
सबसे पहले तो यह समझिए कि ADGP का पूरा नाम होता है (Additional Director General of Police) यानी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक होता है. यह राज्य स्तर के वरिष्ठ पदाधिकारी होते हैं. इनका काम अपने जोन की देखरेख करना होता है. आमतौर पर ADGP अपने जिले के राज्य पुलिस प्रमुख (DGP) को रिपोर्ट करते हैं. कई राज्यों में, एडीजीपी को किसी विशेष पुलिस ज़ोन या क्षेत्र के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया जाता है, यह अधिकारी राज्य की पुलिसिंग के महत्वपूर्ण कार्यों का नेतृत्व करता है.
कैसे होता है चयन
ADGP की जिम्मेदारी अधीनस्थ IGs (Inspector General of Police) और DIGs (Deputy Inspector General) को गाइड करना भी होता है. वे कानून-व्यवस्था बनाए रखना, जोनल या विशेष इकाइयों (जैसे- क्राइम ब्रांच, ट्रैफिक, ट्रेनिंग, CID, आदि) की निगरानी करते हैं. ADGP के नीचे आईजी, डीआईजी, एसपी का पद होता है.
इस पद पर आने के लिए भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में होना ज़रूरी है. इस पद पर सीध नौकरी नहीं लगती. आईपीएस कई साल का अनुभव और प्रमोशन के बाद ही यह पद पाता है. माना जाता है कि पुलिस विभाग में विरिष्ठ पद पर 25 साल के अनुभव के बाद मिलता है.
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