विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बिना नाम लिए नापाक पड़ोसी पाकिस्तान को खुब लतारा। उन्होंने कहा कि भारत के कई पड़ोसी हैं, लेकिन सभी एक जैसे नहीं हैं। कुछ अच्छे हैं और कुछ कम अच्छे। इस दौरान उन्होंने इशारों-इशारों में पाकिस्तान का नाम लिए बिना तंज कसा। जयशंकर ने कहा कि तुलना (हायफनेशन) हमेशा उस पड़ोसी के साथ होती है जो व्यवहार में अच्छा नहीं होता। विदेश मंत्री ने ये बात जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में सोमवार को ‘अरावली समिट 2025′ के उद्घाटन सत्र में बोली। इस दौरान उन्होंने मजबूत होती भारत की स्थिति से संबंधित कई अहम पहलुओं पर बातचीत की। साथ ही उन्होंने भारत के पड़ोसी देशों को लेकर भी अहम बातें की।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत की नीति है कि कोई भी तीसरा देश भारत को किसी और देश के नजरिए से न देखे। साथ ही उन्होंने डे-हायफनेशन के अर्थ भी बतया। जयशंकर ने कहा कि डे-हायफनेशन का का मतलब है कि भारत को किसी और देश के साथ जोड़कर न देखा जाए, खासकर जब अंतरराष्ट्रीय फैसले लिए जाएं। उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं कि सब देश हमारी बात मानेंगे, लेकिन हमें खुद को इतना मजबूत बनाना होगा कि तुलना की जरूरत ही न पड़े।
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70 के दशक जैसी तुलना अब नहीं होती
इस दौरान विदेश मंत्री ने याद करते हुए कहा कि जब वे 1970 के दशक में विदेश सेवा में आए थे, तब भारत और पाकिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अक्सर तुलना होती थी। लेकिन अब वैसी बात नहीं होती। आज जब मैं दुनिया के नेताओं से मिलता हूं, तो वैसी तुलना सुनने को नहीं मिलती जैसी पहले होती थी।
जयशंकर ने कहा कि हम अपने मुश्किल पड़ोसी को नजरअंदाज नहीं कर सकते, चाहे वह कितना भी अप्रिय क्यों न हो। लेकिन सबसे अच्छा तरीका है कि हम खुद को हर मायने में उससे ज्यादा सक्षम बनाएं — ताकत, विकास और वैश्विक प्रभाव के मामले में।
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