बांग्लादेश में अगले साल फरवरी में आम चुनाव होने है। इस बात पर बांग्लादेश के साथ-साथ आसपास के कई देशों में चर्चा तेज है। ऐसे में भारत ने भी एक अच्छे पड़ोसी होने के नाते इस चुनाव को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। भारत ने साफ कहा है कि वह बांग्लादेश में जल्द से जल्द मुक्त, निष्पक्ष और सभी पक्षों को शामिल करने वाले चुनाव कराने के पक्ष में है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को यह भी स्पष्ट किया कि भारत बांग्लादेश की जनता द्वारा चुनी गई किसी भी सरकार के साथ काम करने को तैयार है।
बांग्लादेश से आए पत्रकारों के एक दल से बातचीत के दौरान मिस्री ने कहा कि हम बांग्लादेश में होने वाले चुनावों को लेकर आश्वस्त हैं और उम्मीद करते हैं कि ये जल्द ही होंगे। हम उस किसी भी सरकार के साथ काम करेंगे, जिसे बांग्लादेश की जनता चुनेगी। इसके साथ ही जब उनसे भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय व्यापार में आई रुकावट पर सवाल किया गया, तो मिस्री ने कहा कि यह बांग्लादेश की आंतरिक नीतियों के कारण हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत गंगा जल संधि को फिर से नवीनीकरण करने और तीस्ता नदी जल बंटवारे जैसे सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
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बांग्लादेश में चुनाव और भारत की भूमिका
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पहले ही अगले साल फरवरी में संसदीय चुनाव की घोषणा कर चुकी है। इस पर विदेश सचिव ने कहा कि भारत को खुशी है कि बांग्लादेश खुद चुनावों को लेकर समयसीमा घोषित कर चुका है। गौरतलब है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पिछले साल अगस्त में भारत में शरण ले चुकी हैं, जब ढाका में सरकार विरोधी भारी प्रदर्शन हुआ था।
इसके बाद भारत-बांग्लादेश रिश्तों में थोड़ी खटास आई। जब हसीना को भारत से वापस लाने (प्रत्यर्पण) की मांग पर मिस्री से सवाल किया गया, तो उन्होंने इसे कानूनी और न्यायिक प्रक्रिया बताया। उन्होंने कहा कि यह एक कानूनी मुद्दा है, जिस पर दोनों देशों को मिलकर विचार करना होगा। हम इसे देख रहे हैं और बांग्लादेश सरकार से इस पर बातचीत करेंगे।
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