अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को वॉर्निंग देते हुए कहा कि अगर हमास गाज़ा में सत्ता छोड़ने से इनकार करता है, और उनके शांति प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करता तो उसे पूरी तरह तबाह कर दिया जाएगा. दरअसल, राष्ट्रपति ट्रंप ने हमास को अल्टीमेटम दिया था कि वह गाजा पीस प्लान को रविवार शाम 6 बजे (अमेरिकी समयानुसार) तक स्वीकार कर ले.
शनिवार को जब सीएनएन ने ट्रंप पूछा कि क्या इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू गाज़ा में बमबारी रोकने और अमेरिका की शांति योजना का समर्थन करते हैं, तो डोनाल्ड ट्रंप ने जवाब दिया कि हां. बीबी (इजरायली पीएम) इसके लिए तैयार हैं. रविवार को प्रसारित हुए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि उन्हें जल्द ही पता चल जाएगा कि क्या हमास वास्तव में शांति के लिए प्रतिबद्ध है.
ट्रंप ने शुक्रवार को हमास से कहा था कि रविवार शाम 6 बजे (अमेरिकी समयानुसार) तक अगर समझौता नहीं हुआ तो हर तरह का नरक उन पर टूट पड़ेगा. ये एक सख्त अल्टीमेटम था. ट्रंप ने अपने 20 सूत्रीय शांति प्रस्ताव में अभी के लिए लड़ाई बंद करने के साथ-साथ गाज़ा के युद्धोत्तर प्रशासन का एक स्ट्रक्चर बताया है. व्हाइट हाउस ने इस योजना को संघर्ष समाप्त करने और क्षेत्र के भविष्य के प्रशासन का ब्लूप्रिंट करार दिया है.
ट्रंप के प्रस्ताव के मुताबिक एक अस्थायी शासकीय बोर्ड बनाया जाएगा, जिसका अध्यक्ष ट्रंप खुद हो सकते हैं और इसमें पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर जैसे नाम भी शामिल हो सकते हैं. प्लान में यह भी स्पष्ट है कि गाज़ा के लोगों को जबरन नहीं हटाया जाएगा और अगर दोनों पक्ष (इजरायल और हमास) शर्तें मान लेते हैं तो युद्ध तुरंत बंद हो जाएगा.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने रविवार को कहा कि गाजा युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है, उन्होंने बताया कि हमास द्वारा बंधकों की रिहाई केवल पहला फेज है, और आगे की व्यवस्थाओं पर अभी काम चल रहा है.
NBC के कार्यक्रम मीट द प्रेस में रूबियो ने कहा कि हमास ने डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव और बंधकों की रिहाई के ढांचे पर आम तौर पर सहमति दे दी है. हालांकि, इस प्रक्रिया से जुड़े कई विवरण अभी तय होने बाकी हैं. उन्होंने कहा कि वे इस बात पर भी सहमत हैं कि आगे क्या होने वाला है, लेकिन बहुत से तकनीकी और तार्किक पहलुओं को अभी तय करना बाकी है.
रूबियो ने बताया कि अमेरिका बातचीत के दौरान यह जल्दी तय करेगा कि हमास वास्तव में गंभीर है या नहीं. वर्तमान प्राथमिकता सभी बंधकों की तत्काल रिहाई सुनिश्चित करना है, और इसके बदले में इजरायल को गाजा में मध्य की स्थिति यानी येलो लाइन (Yellow Line) पर लौटना होगा.
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