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‘जया बच्चन के खिलाफ बनाई झूठी कहानी, बेरहमी से कर रहे ट्रोल’, बोले सुशांत दिवगीकर – trans actor sushant divgikar supports jaya bachchan amid trolling tmova


सीनियर एक्ट्रेस जया बच्चन को अक्सर उनके गुस्से के लिए ट्रोल किया जाता है. पैप्स और पब्लिक के साथ उनके रवैये पर सवाल उठाए जाते हैं. लेकिन अब ट्रांसजेंडर एक्टर सुशांत दिवगीकर यानी रानी कोहीनूर ने एक अनकही कहानी शेयर की है. उन्होंने बताया कि जया की पर्सनैलिटी को जिस तरह से सोशल मीडिया में पेश किया जा रहा है. वो इससे बिल्कुल अलग हैं. वो चुपचाप अच्छा काम करने में बिलीव करती हैं.  

जया की खराब की छवि

सुशांत ने अपने इंस्टा पोस्ट में अपनी फीलिंग्स शेयर की. उन्होंने जया को एंजेल बताते हुए जताया कि कैसे उनकी इमेज को बिगाड़ा जा रहा है. 

सुशांत ने लिखा- मैं बहुत समय से यह लिखना चाहती थी. अब जब मैं वापस अपने घर, आमची मुंबई आ गई हूं, और अपने घर का सुकून महसूस कर रही हूं और मेरे पास पूरा दिन खाली है, तो चलिए शुरू करते हैं. यह बात है जया भादुरी बच्चन जी की सच्चाई के बारे में!

‘मैंने देखा है, और जैसे आप में से कई सोशल मीडिया पर सक्रिय लोग भी देख चुके होंगे. जया जी के खिलाफ बेरहमी से ट्रोलिंग और गाली-गलौज की जा रही है. उनके बारे में एक झूठी कहानी बना दी गई है, और यह देखकर बहुत बुरा लगता है कि जिन लोगों को उनके बारे में कुछ भी नहीं पता, वे भी भीड़ का हिस्सा बनकर उनके बारे में बहुत बुरी बातें कह रहे हैं.’

जया ने बढ़ाया मदद का हाथ, लाइमलाइट से रहीं दूर

सुशांत ने आगे लिखा- अब मैं आपको सच बताती हूं- मैं पहली बार जया जी से 14 साल की उम्र में मिली थी. मैं तब अपने पेरेंट्स की दिव्यांग, देख-सुन ना सकने वाले और ऑटिज्म बच्चों के एक इवेंट को ऑर्गनाइज करने के लिए मदद कर रही थी. मेरी मां ने तब कई सेलिब्रिटीज को बेइंतेहा कॉल लगाए ताकि उन्हें बतौर चीफ गेस्ट बुला सकें. लेकिन कई लोगों ने जवाब तक नहीं दिया. 

‘लेकिन फिर तब तीन एंजेल्स हमारी जिंदगी में आए, जिन्हें दुनिया का पूरा प्यार मिलना चाहिए- उन्होंने हमारी सामने से मदद की, और बच्चों के इवेंट में पार्टिसिपेट किया. वो भी बिना कोई पैसे लिए. ये तीन एंजेल्स थे- रवीना टंडन, युवराज सिंह और जया बच्चन जी. मैं कभी नहीं भूल सकती कि ये लोग कितने प्यारे और मददगार साबित हुए. उन बच्चों के चेहरों पर स्माइल लाने में इन्होंने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी.’

सुशांत ने आगे बताया कि कैसे जया जी यहीं नहीं रुकीं. वो उनकी मां के संपर्क में रहती थीं और हर शहर, कस्बों और गांवों में कई बच्चों की शिक्षा, मासिक और वार्षिक राशन, यहां तक कि उनके परिवारों की रोजमर्रा की जरूरतों और जरूरी सामानों के लिए बाकी पैसे भी मुहैया कराती थीं. सुशांत ने बताया कि बदले में जया ने बस इतना कहा कि मीडिया वहां न आए. जया ने एचआईवी संक्रमित बच्चों के लिए अमिताभ बच्चन के साथ मिलकर ‘पा’ की विशेष स्क्रीनिंग भी आयोजित की थी.

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