कभी-कभी बच्चों की मासूम इच्छाएं हंसी और आंसू दोनों में देती हैं. ये मामला कानपुर के शास्त्री नगर का है. यहां 13 साल का बच्चा सिर्फ मैगी खाने के लिए सोने की अंगूठी बेचने पहुंच गया. यह अंगूठी उसकी बहन की इंगेजमेंट की थी. जब वह अंगूठी लेकर ज्वेलर्स की दुकान पर पहुंचा तो दुकान मालिक ने उससे पूछताछ की तो कुछ शंका हुई. दुकानदार ने पूरी कहानी समझी और बच्चे की मां को बुलाया.
यह बच्चा शास्त्री नगर सराफा बाजार के अध्यक्ष पुष्पेंद्र जायसवाल के पास पहुंचा था. उसने अंगूठी बेचने की बात कही तो पुष्पेंद्र को कुछ शंका हुई. उन्होंने बच्चे से उसका फोन नंबर और घर का पता पूछा. इसके बाद दुकानदार ने बच्चे की मां को दुकान पर बुलाया और अंगूठी को दिखाते हुए पूछा कि क्या यह वही अंगूठी है. बच्चे की मां घबरा गई. उसने बताया कि यह अंगूठी उसकी बेटी की सगाई की है और कुछ ही दिनों में शादी होने वाली है. अगर यह अंगूठी किसी ने खरीद ली होती तो सगाई टूट सकती थी.
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फिर दुकानदार ने पूरे मामले के बारे में बच्चे की मां को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बच्चे ने मैगी के लिए पैसे जुटाने के चक्कर में अंगूठी घर से उठाकर लाया था. मैगी खाने के लिए आपने पैसे नहीं दिए, इसलिए बच्चा अंगूठी बेचने के लिए आया था. यह सुनकर मां की आंखों में आंसू भर आए.
पुष्पेंद्र जायसवाल ने कहा कि बच्चे ने मुझे बताया कि मैगी के लिए पैसा इकट्ठा करना है, इसके लिए इसको बेचने आया हूं. तभी मुझे शक हो गया कि बिना बताए लाया है. दुकानदार ने बच्चे की मासूमियत को देखते हुए अंगूठी वापस कर दी. उन्होंने कहा कि उनके बाजार में ऐसा कभी नहीं होता कि किसी बच्चे का लाया हुआ सामान बिना जांच के खरीदा जाए.
पुष्पेंद्र जायसवाल ने कहा कि उनके यहां सभी दुकानदार इस तरह के मामलों में हमेशा सतर्क रहते हैं और कभी भी चोरी का सामान या बच्चों द्वारा लाया गया संदिग्ध सामान नहीं खरीदते. स्थानीय लोग दुकानदार की तारीफ कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर इस नन्हे बच्चे और नेक दुकानदार की कहानी की चर्चा हो रही है. छोटे बच्चों की मासूम ख्वाहिशों को समझने और सही तरीके से संभालने की आवश्यकता है.
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