पिछले कुछ साल से गोल्ड की कीमतें आसमान छू रही हैं. सोने की कीमत तेजी से भाग रही है, जिस कारण सोना इतना महंगा हो चुका है कि आम आदमी ज्वेलरी नहीं खरीद पा रहे हैं. उद्योग निकाय इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, इस दशहरे में सोना की बिक्री घटी है. यह 25 फीसदी या एक चौथाई घटकर 18 टन रह गई है.
गुरुवार को मनाए गए दशहरे पर सोने का रिटेल प्राइस 1.16 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम रहा, जो 2024 के दशहरे के 78,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से 48% ज्यादा है. कंज्यूमर्स को सर्राफा बाजार के प्राइस के अलावा 3 फीसदी वस्तु एवं सेवा कर (GST) भी देना होगा. ज्वेलरी की डिजाइन के आधार पर ज्वेलर्स 15 से 30 फीसदी का मेकिंग चार्ज भी लगाते हैं.
IBJA के नेशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता ने कहा कि पिछले साल दशहरा बेहतर रहा था, क्योंकि सोने की बिक्री 24 टन हुई थी. इस साल दशहरा पर कीमतें 1.16 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम पर बनी हुई हैं, जिससे मांग कम हुई है. हालांकि अब कंज्यूमर्स ने सोना खरीदना शुरू कर दिया है क्योंकि उन्हें लगता है कि कीमतें जल्द ही इस स्तर से नीचे नहीं आएंगी. उपभोक्ता आगामी धनतेरस, दिवाली और शादी के मौसम के लिए ऑर्डर दे रहे हैं.
सोने की अदला-बदली ज्यादा
इस दशहरा पर सोने और चांदी के सिक्कों की मांग अच्छी रही है, क्योंकि कई लोग इन्हें निवेश के साधन के रूप में खरीद रहे हैं. 5 ग्राम के सोने के सिक्के अधिक बिक रहे हैं, जबकि 20 ग्राम के चांदी के सिक्के भी तेजी से बिक रहे हैं. इकोनॉमिक्स टाइम्स के मुताबिक, कुछ ज्वैलर्स का कहना है कि नई ज्वेलरी खरीदने के बजाया, लोग ज्यादा पुराने ज्वेलरी से अदला-बदली कर रहे हैं. यह सेल में करीब 50-55% का योगदान देता है. पुराने सोने के आदान-प्रदान का चलन देश भर में तेज हो गया है क्योंकि ऊंची कीमतें कंज्यूमर्स को नई खरीदारी से रोक रही हैं.
सोने की छड़ों की डिमांड
दक्षिण भारत में, ज्वैलर्स ने चालू त्योहारी सीज़न के दौरान सोने की कम बिक्री की जानकारी दी है. कुछ ज्वेलर्स का कहना है कि लोग शादियों के लिए ज्वेलरी के बजाय सोने की छड़ें खरीद रहे हैं. 10 ग्राम से 20 ग्राम के सोने की छड़ें ज्यादा बिक रही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि दशहरे पर पुराने सोने के एक्सचेंज में 55 से 60 फीसदी की ग्रोथ हुई है.
आम आदमी की पहुंच से बाहर सोना?
पिछले एक साल में सोना 80 हजार से 1 लाख के पार पहुंच चुका है, जिससे सोना अब आम आदमी की पहुंच से बाहर जाता दिख रहा है. लोग सोना अब ज्वेलरी के लिए कम और निवेश के लिए ज्यादा खरीद रहे हैं. भविष्य के लिए सोने की खरीदारी हो रही है और जो लोग ज्वेलरी बनाना चाहते हैं, वो पुराने सोने की खरीदारी कर रहे हैं.
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