स्वामी चैतन्यानंद केस में नई जानकारी सामने आई है. बाबा अपने सोशल मीडिया अकाउंट से लड़कियों के फोटो पर कमेंट करता था. कोई भी अंजान लड़की अगर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपनी कोई फोटो शेयर करती थी तो बाबा उसके पोस्ट में घुसकर कमेंट किया करता था. बाबा लड़कियों के प्रोफाइल को खोज-खोजकर स्क्रॉल करता था.
आस्था का चोला ओढ़े इस बाबा का असली चेहरा अब सामने आ चुका है. कैमरे, ब्लैकमेलिंग और छात्राओं के यौन शोषण में उसकी गहरी संलिप्तता पुलिस की जांच में उजागर हो रही है. धीरे-धीरे बाबा का एक-एक राज सामने आ रहे हैं.
पुलिस की जांच में बाबा के मोबाइल से मिले चैट्स सबसे बड़ा सबूत साबित हो रहे हैं. वह छात्राओं से लगातार मैसेज कर उनसे नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश करता था. सभी चैट्स अब पुलिस के पास ठोस सबूत के तौर पर मौजूद हैं.
17 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में स्वामी चैतन्यानंद
दिल्ली की अदालत में हुई सुनवाई में स्वामी चैतन्यानंद को 17 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. सुनवाई के दौरान बाबा के वकील ने सवाल उठाया था कि आखिर किन धाराओं के तहत न्यायिक हिरासत की मांग की जा रही है. इस पर अदालत ने जांच अधिकारी से स्पष्ट करने को कहा कि क्या धारा 232 जोड़ी गई है. जांच अधिकारी ने बताया कि शिकायतकर्ता की दूसरी एफआईआर के बाद यह धारा केस में जोड़ी गई.
क्या थी बाबा की मांगें?
बाबा के वकील ने अदालत से आग्रह किया कि उन्हें नियमित दवाइयां उपलब्ध कराई जाएं. उन्होंने यह भी कहा कि चैतन्यानंद सन्यासी जीवन जीते हैं, इसलिए उन्हें सात्विक भोजन मिले जिसमें लहसुन और प्याज न हो. इसके अलावा, धार्मिक वस्त्र पहनने और अपने साथ आध्यात्मिक सामान रखने की अनुमति भी मांगी गई.
केस डायरी पर हस्ताक्षर करवाने की भी मांग की गई, यह कहते हुए कि उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है. अदालत ने इस पर कहा कि यह प्रक्रिया का सामान्य हिस्सा है और इसमें अलग आदेश की आवश्यकता नहीं है.
छात्रों को डराने-धमकाने के आरोप
मामले की जांच में सामने आया है कि संस्था से जुड़े कई छात्रों ने आरोप लगाया कि उनसे जबरन मोबाइल फोन और शैक्षणिक दस्तावेज लिए गए और विरोध करने पर निष्कासन की धमकी दी गई.
पुलिस का कहना है कि चैतन्यानंद ने पूछताछ के दौरान न तो किसी तरह का पछतावा जताया और न ही सहयोगी रवैया अपनाया. इसके साथ ही संस्था की तीन महिला कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिन पर छात्रों पर दबाव बनाने और बाबा की मदद करने का आरोप है.
यौन शोषण और झूठे वादों के आरोप
जांच में यह भी सामने आया है कि चैतन्यानंद ने आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि की छात्राओं को नौकरी का झांसा देकर अपने जाल में फंसाने की कोशिश की. उन पर यौन संबंध बनाने के लिए दबाव डालने के गंभीर आरोप हैं. पुलिस को उनके डिजिटल उपकरणों से ऐसे चैट मिले हैं जिनमें छात्राओं से अश्लील बातचीत, निजी तस्वीरें मांगना और आपत्तिजनक संदेश शामिल हैं. एक चैट में तो दुबई के एक शख्स के लिए लड़की की व्यवस्था करने की चर्चा तक दर्ज मिली है.
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