बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी तेज हो गई है. इसी कड़ी में शनिवार देर शाम बीजेपी की चुनाव समिति की अहम बैठक पटना स्थित प्रदेश मुख्यालय में हुई, जिसमें पार्टी की चुनावी रणनीति और संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा की गई. आज, रविवार को पार्टी नेताओं की एक और मीटिंग है जिसमें 2020 में हारी गई सीटों पर चर्चा की जाएगी.
बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की, जिन्हें बिहार चुनाव का प्रभारी बनाया गया है. उनके साथ उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (सह प्रभारी), केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, गिरिराज सिंह, सांसद रवि शंकर प्रसाद, और बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल रहे.
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बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव (बिहार प्रभारी) विनोद तावड़े ने बैठक के बाद एक्स सोशल मीडिया पर कहा, “बिहार एक बार फिर विकासोन्मुख सरकार चुनने के लिए तैयार है. आज की बैठक में आगामी चुनावों के लिए संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा हुई.”
60 सीटों पर बीजेपी की मीटिंग में की गई चर्चा
वहीं, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने विकास, सुशासन और जनकल्याण के नए मानक स्थापित किए हैं.”
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बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बताया कि, “आज हमारी बैठक में 60 सीटों पर फोकस किया गया. कल (रविवार) हम बाकी सीटों पर चर्चा करेंगे, जिन पर हमने पिछली बार जीत हासिल की थी या हार झेली थी.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एनडीए में ‘बड़ा-छोटा भाई’ की राजनीति नहीं चलेगी.
नीतीश कुमार के नेतृत्व की तारीफ
जायसवाल ने कहा, “एनडीए गठबंधन पूरी तरह मजबूत है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने वो काम किया है जो विपक्ष सिर्फ वादों में कर रहा था.” 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 243 में से 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 74 सीटें जीती थीं.
जायसवाल ने संकेत दिया कि अच्छा प्रदर्शन करने वाले मौजूदा विधायकों को दोबारा टिकट मिल सकता है, जबकि जहां एंटी-इनकंबेंसी ज्यादा है वहां नए चेहरों को मौका दिया जाएगा. जहां तक उनके खुद के चुनाव लड़ने के सवाल का संबंध है, जायसवाल ने कहा, “यह फैसला शीर्ष नेतृत्व करेगा. फिलहाल मैं बिहार बीजेपी में एक अभिभावक की भूमिका निभा रहा हूं.”
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