मध्यप्रदेश और राजस्थान में कथित तौर पर खांसी की दवाओं से 14 बच्चों की मौत के बाद केंद्र और राज्यों की सरकारें सक्रिय हो गई हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में उन फैक्ट्रियों की जांच शुरू कर दी है जहां से संदिग्ध दवाएं बनी थीं। बता दें कि मामले में सीडीएससीओ ने 19 दवाओं के सैंपल इकट्ठे किए हैं, जिनमें खांसी की सिरप, एंटीबायोटिक और बुखार की दवाएं शामिल हैं।
मामले की शुरुआती जांच में छह दवाओं में डाइएथिलीन ग्लाइकोल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकोल (ईजी) नहीं पाए गए, जो बच्चों की किडनी फेलियर का कारण बन सकते हैं। लेकिन कोल्ड्रिफ सिरप के सैंपल में डीईजी की मात्रा तय सीमा से अधिक पाई गई। यह सिरप तमिलनाडु के कांचीपुरम में बनी थी। तमिलनाडु और मध्यप्रदेश सरकार ने इस सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी है और बाजार से इसे हटाने के आदेश दिए हैं।
केंद्र सरकार ने भी उठाया बड़ा कदम
इस मामले में अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सलाह दी है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न दी जाए। वहीं पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कफ सिरप का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह, सीमित मात्रा और सावधानी के साथ किया जाए। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए नुकसानदेह दवाओं पर अब चेतावनी लेबल लगाना अनिवार्य होगा।
बढ़ती घटनाओं पर गुजरात सरकार भी एक्शन में
मध्यप्रदेश और राजस्थान में कथित रूप से खांसी की दूषित दवाओं से बच्चों की मौत की खबरों के बीच गुजरात सरकार भी एक्शन में आती हुई नजर आ रही है। इसके तहत सरकार ने एहतियात के तौर पर राज्य में बिक रही खांसी की सभी दवाओं की जांच के आदेश दिए हैं। मामले में गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने गांधीनगर में पत्रकारों को बताया कि जिन कंपनियों की दवाओं पर सवाल उठ रहे हैं, वे गुजरात मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (जीएमएससीएल) की खरीदार सूची में नहीं हैं।
मंत्री ने कहा कि हमें मीडिया से पता चला है कि मध्यप्रदेश और राजस्थान में कुछ बच्चों की मौत खांसी की दवाएं पीने के बाद हुई है। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि राजस्थान में डेक्सट्रोमेथोर्फन और एमपी में कोल्ड्रिफ सिरप सिरप के सेवन से बच्चों की मौत हुई। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने जांच की कि क्या इन दवाओं की खरीद जीएमएससीएल के जरिए की गई थी। जांच में पता चला कि ये कंपनियां राज्य की खरीदार सूची में नहीं हैं।हालांकि कोई सीधी खरीद नहीं हुई, लेकिन सरकार ने सतर्कता बरतते हुए राज्य में बिक रही सभी खांसी की दवाओं में हानिकारक तत्वों की जांच के आदेश दे दिए हैं।
ये भी पढ़ें:- UIDAI: छह करोड़ बच्चों के अभिभावकों को राहत, आधार बायोमेट्रिक अपडेट कराने पर नहीं लगेगा शुल्क
मध्यप्रदेश सरकार ने कोल्ड्रिफ सिरप पर लगाया बैन
इससे पहले मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में सात सितंबर से अब तक 11 बच्चों की मौत के बाद कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इन मौतों को बेहद दुखद बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा कि पूरे राज्य में कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी गई है।
सिरप बनाने वाली कंपनी के अन्य उत्पादों पर भी पाबंदी लगाई जा रही है। राज्य स्तर पर मामले की जांच जारी है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह बताया कि कफ सिरप बनाने वाली फैक्टरी कांचीपुरम में है, इसलिए तमिलनाडु सरकार से जांच कराने के लिए पत्र भेजा गया था। शनिवार सुबह रिपोर्ट मिलने के बाद इसके आधार पर अन्य उत्पादों पर भी पाबंदी लगाने का फैसला किया गया।
मध्य प्रदेश में सिरप ने ली इन बच्चों की जान
- नाम उम्र पता
- दिव्यांश चंद्रवंशी 7 वर्ष डुड्डी
- अदनान खान 5 वर्ष न्यूटन चिखली
- हेतांश सोनी 5 वर्ष उमरेठ
- उसैद 4 वर्ष परासिया
- श्रेया यादव 18 माह परासिया
- विकास यदुवंशी 4 वर्ष दीघावानी
- योगिता विश्वकर्मा 5 वर्ष बोरिया
- संध्या भोसोम सवा साल परासिया
- चंचलेश यदुवंशी — गायगोहान
- योजिता ढाकरे दो साल बडकुही
तेलंगाना सरकार ने भी जारी किया अलर्ट
दूसरी ओर कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के बाद अब तेलंगाना सरकार भी सतर्क हो गई है। शनिवार को तेलंगाना ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन (डीसीए) ने इस सिरप को लेकर स्टॉप यूज नोटिस और पब्लिक अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने बताया कि उन्हें मध्यप्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत की खबरों से सतर्क किया गया है। ये मौतें कथित तौर पर सिरप के सेवन के बाद हुईं, जिसमें Batch No. SR-13 शामिल है।
क्या है खतरा?
मामले में तंलगाना सरकार की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, कोल्ड्रिफ सिरप के इस बैच में डायएथिलीन ग्लाइकोल (डीईजी) नाम का जहरीला रसायन मिला है, जो शरीर के गुर्दों (किडनी) को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है और जानलेवा साबित हो सकता है। इसी कारण तेलंगाना में इस सिरप को लेकर लोगों को उपयोग तुरंत बंद करने की चेतावनी दी गई है।
तमिलनाडु, राजस्थान और केरल में लगा है प्रतिबंध
उधर, तमिलनाडु के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि नमूनों में मिलावट पाए जाने के बाद पूरे तमिलनाडु में इसके उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया। हमने निर्माता से स्पष्टीकरण मांगा है। अगले आदेश तक संयंत्र में उत्पादन को बंद कर दिया गया है। राजस्थान सरकार ने भी जयपुर स्थित कायसन फार्मा के सभी 19 दवाओं के वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया है। राजस्थान में इस कंपनी के डेक्सट्रामेथारफन कफ सिरप की वजह से दो बच्चों की मौत हुई है।
वहीं केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने भी शनिवार को कहा कि राज्य औषधि नियंत्रण विभाग ने राज्य में कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी है। यह फैसला अन्य राज्यों से आई रिपोर्टों के बाद लिया गया है।
राजस्थान सरकार ने राज्य के ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा को निलंबित कर दिया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यह निलंबन दवा मानकों के निर्धारण की प्रक्रिया को कथित तौर पर प्रभावित करने के आरोप में किया गया है। कफ सिरप से मौतों के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने भी 19 दवाओं की निर्माण इकाइयों में निरीक्षण शुरू कर दिया है।