बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने शनिवार को चुनाव आयोग (EC) से मांग की है कि आगामी विधानसभा चुनाव एक या दो फेज में आयोजित किए जाएं. उन्होंने विशेष रूप से कहा कि बुर्का पहनकर मतदान करने वाली महिलाओं के चेहरे को उनके मतदाता पहचान पत्र (EPIC) से मिलाया जाना चाहिए, ताकि केवल असली वोटर ही मतदान कर सकें.
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में आए चुनाव आयोग के दल से मिलने वाले बीजेपी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे दिलीप जायसवाल ने उन क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलों की पर्याप्त तैनाती की भी मांग की, जहां बूथ कैप्चरिंग और मतदाताओं को डराने-धमकाने का खतरा है.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक के बाद दिलीप जायसवाल ने संवाददाताओं से कहा कि हमने इलेक्शन कमीशन से चुनाव एक या दो चरणों में कराने का आग्रह किया है. इसे कई चरणों में बांटने की जरूरत नहीं है.साथ ही मतदाताओं, खासकर बुर्के में आने वाली महिलाओं के चेहरों का मिलान उनके मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) से किया जाना चाहिए, ताकि केवल असली मतदाता ही वोट डाल सकें.
दिलीप जायसवाल ने कहा कि हमने यह भी अनुरोध किया है कि अति पिछड़े वर्गों, जैसे कमज़ोर वर्गों की अधिक आबादी वाले गांवों में चुनाव से कुछ दिन पहले अर्धसैनिक बल तैनात किए जाएं, और मतदाताओं में विश्वास बढ़ाने के लिए फ्लैग मार्च का आयोजन किया जाए. जायसवाल ने कहा कि नदी किनारे वाले क्षेत्रों में जहां पहले बूथ कैप्चरिंग की घटनाएं हो चुकी हैं, वहां घुड़सवार सेना की तैनाती भी सुनिश्चित की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं. इनमें कहा गया है कि मतदान खत्म होने के बाद मतदान एजेंटों को पीठासीन अधिकारी से फॉर्म 17C लेना आवश्यक है. कई बार एजेंट बिना यह फॉर्म लिए ही अपने बूथ छोड़ देते हैं, जिससे बाद में अनावश्यक विवाद की संभावना रहती है.
दिलीप जायसवाल ने कहा कि तारीखों के मामले में हमने चुनाव आयोग को बताया कि नियमों के अनुसार घोषणा की तारीख से कम से कम 28 दिन बाद ही चुनाव कराए जा सकते हैं. उदाहरण के लिए अगर चुनाव की घोषणा कुछ दिनों में होती है, तो चुनाव 3-4 नवंबर तक कराए जा सकते हैं उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव जल्द से जल्द होने चाहिए और इसमें और देरी नहीं होनी चाहिए.
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