पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर दानिश कनेरिया अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. कनेरिया ने उन अफवाहों को खारिज कर दिया है जिनमें कहा जा रहा था कि वो भारत की नागरिकता लेना चाहते हैं. कनेरिया ने हालिया दिनों में भारत के आंतरिक मामलों पर सकारात्मक टिप्पणियां की थी, जिसके कारण चर्चाओं का बाजार गर्म था.
दानिश कनेरिया पाकिस्तान के लिए खेलने वाले दूसरे हिंदू क्रिकेटर हैं. इससे पहले उनके चचेरे भाई अनिल दलपत ने इंटरनेशनल क्रिकेट में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया था. कनेरिया कहा कि पाकिस्तान में उन्हें क्रिकेट बोर्ड और अधिकारियों से भेदभाव का सामना करना पड़ा. कनेरिया ने यह भी याद दिलाया कि पाकिस्तान उनकी जन्मभूमि है, लेकिन भारत उनके पूर्वजों की धरती होने के नाते उनकी मातृभूमि है.
दानिश कनेरिया ने X पर लिखा, ‘हाल ही में कई लोगों ने मुझसे पूछा कि मैं पाकिस्तान पर क्यों नहीं बोलता, भारत के आंतरिक मामलों पर क्यों टिप्पणी करता हूं. कुछ तो यह भी आरोप लगा रहे हैं कि मैं यह सब भारतीय नागरिकता पाने के लिए करता हूं. ऐसे में यह जरूरी था कि मैं सच सबके सामने रखू. फिलहाल मेरा भारतीय नागरिकता लेने का कोई इरादा नहीं है.’
भारत मंदिर की तरह: दानिश कनेरिया
दानिश कनेरिया ने कहा कि भविष्य में अगर कभी उनकी तरह कोई भारतीय नागरिकता लेना चाहे तो इसके लिए पहले से ही नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) मौजूद है. कनेरिया लिखते हैं, ‘मेरे लिए भारत मंदिर की तरह है. पाकिस्तान मेरी जन्मभूमि है, लेकिन भारत मेरी मातृभूमि है. मैं हमेशा धर्म और सच्चाई के साथ खड़ा रहूंगा. मैं उन लोगों का पर्दाफाश करता रहूंगा जो समाज को तोड़ने का काम कर रहे है.’ उन्होंने अपनी पोस्ट का अंत ‘जय श्री राम’ कहकर किया.
बता दें कि सीएए के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर आए अल्पसंख्यक (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) भारतीय नागरिकता के पात्र हो सकते हैं. हाल ही में सरकार ने 31 दिसंबर 2024 तक भारत आए इन लोगों के लिए पासपोर्ट और वीजा की अनिवार्यता में छूट दी थी.
पाकिस्तानी मूल के गायक अदनान सामी को 2016 में भारतीय नागरिकता मिली थी. इस साल उन्हें पद्मश्री सम्मान भी दिया गया. हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की 100वीं वर्षगांठ पर दानिश कनेरिया ने बड़ा बयान दिया था. कनेरिया ने आरएसएस की सराहना करते हुए लिखा था कि दुनिया को ऐसे और समर्पित संगठनों की जरूरत है.
दानिश कनेरिया ने कहा था, ‘मैंने दुनिया भर में उनका काम देखा है- समाज की मदद करना, ज़रूरतमंदों का साथ देना और युवाओं को सशक्त बनाना.’ कुल मिलाकर कनेरिया ने साफ कर दिया है कि अभी उनका भारतीय नागरिकता लेने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन उन्होंने भारत को अपनी मातृभूमि मानते हुए भविष्य के लिए अपने विकल्प खुले रखे हैं.
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