अमेरिकी संविधान कहता है कि पैसा खर्च करने का कंट्रोल सिर्फ कांग्रेस के पास है. कानून यह भी कहता है कि सरकार कांग्रेस से बिना मंजूरी वाला खर्च नहीं कर सकती और 1980 के बाद से यह साफ हो गया कि अगर बजट पास नहीं होता, तो सरकार को गैर-आपातकालीन काम तुरंत रोकने पड़ते हैं. यही स्थिति ‘सरकारी शटडाउन’ कहलाती है.
अमेरिकी सरकार एक बार फिर शटडाउन में चली गई है. पिछले 50 सालों में यह 21वीं बार है जब कांग्रेस (संसद) सरकारी एजेंसियों के लिए बजट पास करने पर सहमत नहीं हो पाई. हालांकि, देर रात तक बातचीत चली, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.
कांग्रेस में सरकार को 60 वोटों की थी जरूरत
इस बार हालात ऐसे बने क्योंकि रिपब्लिकन पार्टी के पास दोनों सदनों (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव और सीनेट) और राष्ट्रपति पद पर कंट्रोल होते हुए भी, सीनेट में उन्हें 60 वोटों की जरूरत थी, ताकि विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी की फिलिबस्टर (फंडिंग अटकाने की रणनीति) को पार कर सकें.
सीनेट में रिब्लिकन के पास हैं सिर्फ 53 सीट
सीनेट में रिपब्लिकन के पास सिर्फ 53 और डेमोक्रेट्स के पास 45 सीट हैं. साथ ही दो सीट इंडिपेंडेंट की है. ऐसे में रिब्लिकन सरकारी एजेंसियों के लिए बजट पास करने को लेकर जरूरी 60 वोटों का आंकड़ा पार नहीं कर पाई और कांग्रेस में फेडरल एजेंसियों के लिए तत्काल फंडिंग रोकने यानी की शट डाउन के सिवा कोई चारा नहीं बचा.
डेमोक्रेट्स झुकने को तैयार नहीं थे. ऐसे में इस बार कोई बीच का रास्ता नहीं निकल सका और नतीजा यह हुआ कि सरकार शटडाउन की स्थिति में चली गई. अब समझना ये है कि शटडाउन यानी सरकारी फंडिंग बंद हो जाना क्या होता है.
अमेरिकी संविधान के इन प्रावधानों से बनी ‘शटडाउन’ जैसी स्थिति
द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी संविधान (US Constitution) के अनुसार, सिर्फ कांग्रेस के पास पैसे खर्च करने का अधिकार है. संविधान के अनुच्छेद 1 (Article I) में साफ लिखा है – खज़ाने से कोई पैसा तब तक नहीं निकाला जा सकता, जब तक कि कानून द्वारा उसकी मंजूरी न दी गई हो. यानी जब तक कांग्रेस अनुमित नहीं देगा. सरकार पैसा खर्च नहीं कर सकती है.
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1884 में बना और 1950 में संशोधित हुआ Antideficiency Act के मुताबिक भी सरकार ऐसा कोई खर्च नहीं कर सकती, जिसे कांग्रेस ने पहले से मंजूरी न दी हो. इस कानून का मकसद यह था कि सरकारी विभाग चालबाजी करके साल की शुरुआत में ही पूरा बजट खर्च न कर दें और फिर कांग्रेस को उन्हें पैसा देने के लिए मजबूर न करें. क्योंकि पहले ऐसा अक्सर होता था. इसी वजह से एंटीडेफिशिएंट एक्ट बनाया गया था, ताकि कांग्रेस पर बिना प्लानिंग के बजट पास करने पर रोक लगाई जा सके
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ऐसे शुरू हुआ अमेरिका में शटडाउन का सिलसिला
काफी समय तक सरकार मानकर चलती रही कि कांग्रेस की यह शर्त रोजमर्रा के सालाना बजट पर लागू नहीं होती है, लेकिन 1980 और 1981 में राष्ट्रपति जिमी कार्टर के अटॉर्नी जनरल, बेंजामिन सिविलेत्ती (Benjamin Civiletti) ने यह फैसला सुनाया कि दरअसल यह नियम सालाना बजट पर भी पूरी तरह लागू होता है.
यानी, जैसे ही सरकार के पास फंड खत्म हो जाएगा, तब तक सारे गैर-जरूरी काम तुरंत रुक जाएंगे, जब तक नया पैसा कांग्रेस से मंजूर न हो.ऐसे में सालाना बजट का फंड खत्म होते ही सरकार की फंडिंग रोक दी गई और शटडाउन लग गया. इसके बाद से यह परंपरा चल पड़ी.
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