पाक के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में पिछले कुछ दिनों से अशांति फैली हुई है. वहां के लोग पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी, रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं की मांग और पुलिस व सरकार के जुल्म के खिलाफ आवाज उठा रहे लोगों को पाकिस्तानी सेना और पुलिस ने हिंसक तरीके से दबाने की कोशिश की. इसलिए बवाल काफी ज्यादा बढ़ गया.
इस बीच पीओके के मुजफ्फराबाद, कोटली, रावलाकोट और मीरपुर में प्रदर्शनकर रहे लोगों पर पुलिस ने गोलीबारी भी की. इसमें कई लोगों की जान चली गई. इस वजह से लोगों का गुस्सा और भी ज्यादा भड़क गया. कुछ जगहों पर पाकिस्तानी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प भी हुई. ऐसी सूचना है कि कुछ स्थानीय लोगों ने पाकिस्तानी पुलिस और सेना के जवानों को मौका देखकर बंधक बना लिया था.
तारों पर टंगी दिखी पाकिस्तानी सैनिकों की वर्दी
इस बीच सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें तार पर पाक सेना व पुलिस के यूनिफार्म टांगे दिख रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि स्थानीय लोगों ने इन्हें बेचने के लिए तारों पर टांगकर इसकी प्रदर्शनी लगाई है. पीओके में अशांति के बीच वहां तारों पर टंगे पाकिस्तानी पुलिस की वर्दी के कई वीडियो सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं.
हिंसक झड़पों के बीच पाक जवानों को लोगों ने बनाया बंधक
वर्दी बेचने के अलावा पीओके में स्थानीय लोग और पुलिस के बीच झड़प व जवानों को बंधक बनाने के भी कई वीडियो वायरल हो रहे हैं. इसमें हाथ में लाठी लिए और हेलमेट पहने पुलिस के जवानों को स्थानीय लोगों की भीड़ एकांत जगह पर ले जाती दिखाई दे रही है.
पीओके में हिंसा पर उतरी पाकिस्तान की सरकार
पाकिस्तान के डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, पीओके में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कई दिनों से भीषण झड़प हुई है. इनमें 10 लोगों के मौत की पुष्टि की गई है. PoK में भड़की बगावत की आग इस्लामाबाद तक भी पहुंच गई है. पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर में बेइंतेहां जुल्म कर रहा है और जब इसके खिलाफ पीओके के पत्रकारों और वकीलों ने इस्लामाबाद में आवाज उठाई तो उन पर बेरहमी से लाठियां बरसाई गईं.
इस्लामाबाद में PoK का मुद्दा उठाने वाले पत्रकारों को पुलिस ने पीटा
पत्रकारों के कैमरे और उनके कंप्यूटर को तोड़ दिया गया. इस्लामाबाद प्रेस क्लब में घुसकर पुलिस पत्रकारों को बुरी तरह पीटा. सभी बाहर हो रहे प्रदर्शन को कवर भी कर रहे थे और अपनी आवाज भी उठा रहे थे. ये हाल इस्लामाबाद के नेशनल प्रेस क्लब का है जहां इस्लामाबाद पुलिस गुंडों की तरह घुस आई और कैमरापर्सन से लेकर पत्रकारों तक को लाठियों से जमकर पीटा.
PoK में इंटरनेट, मोबाइल नेटवर्क सबकुछ बंद
ये वो पत्रकार हैं जो इस बात का विरोध कर रहे थे कि पीओके के मुजफ्फराबाद, कोटली, रावलाकोट और मीरपुर में पाकिस्तानी फौज कत्लेआम कर रही है और सच्चाई को छिपाने के लिए वहां इंटरनेट बंद कर दिया गया है. यहां तक फोन से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है. वहां कितने लोगों का कत्ल हो चुका है, कितने लोगों को बंधक बनाया गया है और वहां क्या हो रहा है, ये सबकुछ छिपाया जा रहा है.
ये पत्रकार भी कोई और नहीं, उसी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के रहने वाले हैं, जहां उनके अपने लोगों और परिवार पर पाकिस्तानी सेना कहर बरपा रही है. इसलिए ये पत्रकार पूरी दुनिया को पाकिस्तानी सेना की करतूत बताने की कोशिश कर रही थे.
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