0

कालका एक्सप्रेस के इंजन से फर्जी लोको पायलट गिरफ्तार, पास में लाल-हरी झंडी और लॉग बुक भी मिली – Fake loco pilot arrested from Kalka Express engine in Etawah red green flag lclg


इटावा रेलवे स्टेशन पर कालका एक्सप्रेस के इंजन से एक फर्जी लोको पायलट गिरफ्तार किया गया है. लोको पायलट की यूनिफॉर्म, गले में रेलवे का आईडी कार्ड और हाथ में लाल व हरी झंडी लिए यह युवक असली ड्राइवर की तरह इंजन में बैठा था. असली लोको पायलट को कुछ शक हुआ तो उसने उसकी ‘नौकरी के नाटक’ को पकड़ लिया.

असली ड्राइवर की सतर्कता से खुला राज

कालका एक्सप्रेस के असली लोको पायलट राजेंद्र कुमार को ट्रेन ले जाने की जिम्मेदारी थी. इंजन में खुद को लोको पायलट बताने वाला एक अन्य युवक बैठा था. युवक ने ड्राइवर जैसी यूनिफॉर्म पहन रखी थी, गले में आईडी कार्ड लटका था और हाथ में हरी-लाल झंडी थी. दिखने में सब कुछ सही लग रहा था, लेकिन राजेंद्र कुमार को उसकी हरकतों पर संदेह हो गया. राजेंद्र कुमार ने उससे रेलवे की कुछ टेक्निकल बातें की, जिसमें वह उलझ गया. इसके बाद उनका शक पक्का हो गया. उन्होंने तुरंत टूंडला हेडक्वार्टर को सूचना दी. आदेश पर ट्रेन को इटावा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर रोका गया. मौके पर पहुंची जीआरपी टीम ने युवक को इंजन से उतारा और पूछताछ शुरू की.

दसवीं पास निकला ‘लोको पायलट’

जांच में पता चला कि गिरफ्तार युवक का नाम आकाश कुमार है और वह फिरोजाबाद जिले के कौसल्या नगर का रहने वाला है. वह केवल दसवीं तक पढ़ा है, लेकिन पिछले दो साल से खुद को लोको पायलट बताकर ट्रेनों में सफर कर रहा था. उसके पास से जो सामान बरामद हुआ, उसमें लोको पायलट की यूनिफॉर्म, एक नकली आईडी कार्ड, नेमप्लेट, झंडियां और एक लॉगबुक भी शामिल थी. पहली नजर में कोई भी उसे असली ड्राइवर समझ लेता.

किराया बचाने और रौब जमाने का शौक

पुलिस पूछताछ में आकाश ने चौंकाने वाला खुलासा किया. उसने बताया कि वह अक्सर ट्रेन का किराया बचाने के लिए फर्जी लोको पायलट बनता था. इसके अलावा वह अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के बीच रौब झाड़ने के लिए खुद को रेलवे ड्राइवर बताता था. उसका एक दोस्त रेलवे में लोको पायलट है. उसी को देखकर उसने यूनिफॉर्म तैयार कराई और फर्जी दस्तावेज बनवाए. धीरे-धीरे उसने लोगों को नौकरी का झांसा देकर उनसे पैसे ऐंठना भी शुरू कर दिया.

रेलवे सुरक्षा पर खतरे की घंटी

जीआरपी अधिकारियों का कहना है कि यह मामला महज किराया बचाने की ट्रिक नहीं हो सकती. हो सकता है कि इसके पीछे किसी बड़े गिरोह का हाथ हो, जो बेरोजगार युवाओं से ठगी कर रहा हो. रेलवे सुरक्षा विशेषज्ञों ने भी चिंता जताई है. उनका कहना है कि यदि यह युवक असली ड्राइवर की जगह ट्रेन चलाने लगता तो यह हजारों यात्रियों की जान से खिलवाड़ होता. इंजन जैसी जगह पर किसी बाहरी शख्स का पहुंच जाना ही सुरक्षा तंत्र की बड़ी कमजोरी को उजागर करता है.

दो साल से कर रहा था सफर

आकाश ने कबूला कि वह पिछले दो वर्षों से अलग-अलग ट्रेनों के इंजनों में सफर करता आ रहा है. कभी एक्सप्रेस तो कभी पैसेंजर ट्रेनों में बैठ जाता. चूंकि उसकी वर्दी और आईडी कार्ड देखने में असली जैसे लगते थे, इसलिए किसी ने उस पर शक नहीं किया. यह भी पता चला कि उसने कई बार टिकट चेकर और रेलवे कर्मचारियों के सामने खुद को ‘ऑफ ड्यूटी’ लोको पायलट बताया और आसानी से इंजन या रिजर्व डिब्बों में सफर किया.

जीआरपी की कड़ी कार्रवाई

जीआरपी ने आकाश कुमार को गिरफ्तार कर उसके सभी फर्जी दस्तावेज जब्त कर लिए. जांच में सामने आया कि वह बेरोजगार युवाओं को रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देता था और उनसे मोटी रकम ऐंठने की कोशिश करता था. जीआरपी अधिकारियों ने बताया कि युवक को जेल भेज दिया गया है और अब यह जांच की जा रही है कि उसके पीछे कोई संगठित गिरोह है या नहीं.

रेलवे अधिकारियों में खलबली

इस घटना ने रेलवे अधिकारियों की नींद उड़ा दी है. इंजन जैसी संवेदनशील जगह तक किसी बाहरी व्यक्ति का पहुंच जाना सुरक्षा खामियों को उजागर करता है.

—- समाप्त —-