हल्दी भारतीय रसोई का एक ऐसा मसाला है जो व्यंजनों में नमक की तरह ही जरूर इस्तेमाल होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद और मेडिकल साइंस में भी इसे एक शक्तिशाली सुपरफूड माना गया है. इसमें मौजूद करक्यूमिन के कारण इसमें बेहद चमत्कारी गुण पाए जाते हैं.
अमेरिका के हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और भारत के AIIMS से ट्रेंड गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी अक्सर सोशल मीडिया पर हेल्थ से संबंधित वीडियो शेयर करते हैं. उन्होंने कुछ समय पहले अपनी एक पोस्ट में बताया कि उनसे लोग अक्सर हल्दी को लेकर सवाल करते हैं. वो लिखते हैं, क्लीनिक में मुझे अक्सर एक सवाल पूछा जाता है जो काफी साधारण है लेकिन जरूरी भी है और वो ये है कि क्या हल्दी आपके लिवर के लिए फायदेमंद है या नुकसानदायक.
उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘हल्दी सदियों से अपनी खूबियों के लिए जानी जाती रही है और इसके पीछे कई कारण हैं. सब्जी, चाय या दूध मिल्क में लगभग आधे से एक चम्मच रोजाना हल्दी मिलाना आमतौर पर सुरक्षित होता है और ये लिवर की हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होता है.’
हल्दी फायदेमंद लेकिन ध्यान रहे
वो आगे लिखते हैं, ‘लेकिन असली मुश्किल तब होती है जब बात हाई-डोज सप्लिमेंट्स की आती है. कुछ स्टडीज से पता चलता है कि करक्यूमिन फैटी लिवर की बीमारी में सूजन को कम कर सकता है. फिर भी मैंने कुछ ऐसे मामले देखे हैं जिनमें बहुत ज्यादा डोज या कुछ खास तरह के सप्लिमेंट्स से लिवर को नुकसान हुआ है. जेनेटिक्स, उस दौरान बाकी ली जा रही दूसरी दवाएं और डोज, ये सभी चीजें मायने रखती हैं.’
हल्दी की कितनी मात्रा सुरक्षित
खाने में हल्दी -सुरक्षित और आम तौर पर फायदेमंद.
हाई-डोज सप्लिमेंट्स में हल्दी – हमेशा सुरक्षित नहीं.
इसमें साइंस साफ है कि इसे अपने खाने में शामिल करें लेकिन कैप्सूल के प्रति सावधान रहें. खासकर अगर आपको पहले से लिवर की बीमारी है तो आपको और ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है.
हल्दी कितनी गुणकारी?
हल्दी का मुख्य सक्रिय तत्व करक्यूमिन होता है. यह एक पॉलीफेनॉलिक कंपाउंड है जो हल्दी को उसका चटक पीला रंग देता है. अमेरिका की हेल्थ वेबसाइट Webmd की रिपोर्ट के मुताबिक, कई लैब स्टडी से पता चलता है कि करक्यूमिन कुछ प्रकार के कोलाइटिस (सूजन की कंडीशन), पेट के अल्सर और हाई कोलेस्ट्रॉल से बचाव में मदद कर सकती है. ये पेट की दिक्कतों, डायबिटीज, डिप्रेशन और वायरल संक्रमण के इलाज में भी मदद कर सकता है.
सूजन को रोकती है हल्दी
यह एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट भी है. यह शरीर में पुरानी सूजन को कम करने में मदद करता है जो कई बीमारियों की जड़ होती है. इसके अलावा हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल गुण होते हैं जो आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं जिससे आप सर्दी-जुकाम, खांसी और कई तरह के संक्रमणों से बचे रहते हैं.
त्वचा के लिए वरदान
हल्दी के एंटीऑक्सिडेंट्स और एंटी बैक्टीरियल गुण इसे सुंदरता के लिए भी खास बनाते हैं. यह त्वचा की रंगत निखारती है और चेहरे पर प्राकृतिक चमक लाती है. ये मुंहासे, दाग-धब्बे और झुर्रियों को कम करने में मदद करते हैं.
दिल की सेहत के लिए बेहतरीन
करक्यूमिन दिल के लिए भी फायदेमंद माना जाता है. यह आर्टरीज (धमनी) की कार्यप्रणाली में सुधार करके हार्ट अटैक के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है. यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में भी मददगार है जिससे दिल की बीमारियों का रिस्क कम होता है.
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