सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अपने देश की रुढ़िवादी इस्लामिक छवि सुधारने के लिए हर वो काम कर रहे हैं जैसा किंगडम में पहले कभी नहीं किया गया. इसी क्रम में सऊदी अरब की राजधानी रियाद में कॉमेडी फेस्टिवल का आयोजन किया गया है जो कि 26 सितंबर से 9 अक्टूबर तक चलेगा. आयोजक इसे दुनिया का सबसे बड़ा कॉमेडी इवेंट बता रहे हैं लेकिन इसे लेकर भारी विवाद शुरू हो गया है.
कई स्टैंडअप कॉमेडियन्स ने इस आयोजन में शामिल होने से मना करते हुए सऊदी के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर सवाल उठाए हैं. एक महिला कॉमेडियन ने तो सऊदी क्राउन प्रिंस को टार्गेट करते हुए ये तक कह दिया कि अगर सऊदी में वो बोल्ड चुटकुले सुनातीं तो सरकार उन्हें भी मार देती.
दरअसल, यह कॉमेडी फेस्टिवल उस समय हो रहा है जब 2 अक्टूबर को पत्रकार जमाल खाशोज्जी की हत्या की सातवीं बरसी है. 2018 में खाशोज्जी की तुर्की के इस्तांबुल स्थित सऊदी कांसुलेट के अंदर हत्या कर दी गई थी. 2021 में जारी एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में कहा गया कि इस ऑपरेशन को सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने मंजूरी दी थी. हालांकि सऊदी सरकार ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था.
कॉमेडी फेस्टिवल में डेव शैपेल, केविन हार्ट, बिल बर, पीट डेविडसन, लुईस सी.के. और टॉम सेगुरा जैसे बड़े कॉमेडियन हिस्सा लेने वाले हैं. हालांकि, कई लोगों ने इस आयोजन की आलोचना की है. ह्यूमन राइट्स वॉच ने आरोप लगाया है कि सऊदी अरब इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर कड़े प्रतिबंधों से ध्यान भटकाने के लिए इस्तेमाल कर रहा है.
कई कॉमेडियन्स ने ठुकराया फेस्टिवल में जाने का न्यौता
स्टैंड-अप कॉमेडियन अत्सुको ओकात्सुका ने कहा कि उन्होंने फेस्टिवल में परफॉर्म करने का न्यौता ठुकरा दिया. उन्होंने सोशल मीडिया पर आयोजकों के कथित मैसेज साझा किए. मैसेज में कहा गया है कि फेस्टिवल में शामिल कॉमेडियनों को सऊदी क्राउन प्रिंस एमबीएस की सरकार, शाही परिवार और इस्लाम पर मजाक करने की इजाजत नहीं है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आयोजकों के मैसेज का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए कॉमेडियन ने लिखा, ‘पैसा सीधे क्राउन प्रिंस से आ रहा है, जो पत्रकारों, नुकसान नहीं पहुंचाने वाले ड्रग मामलों में फंसे लोगों, ब्लॉगरों को बिना उचित प्रक्रिया के सजा देते हैं. चुप रहने वाले कॉमेडियन ही इस फेस्टिवल में शामिल हो रहे हैं, उन्हें शामिल होने के लिए सेंसरशिप नियमों का पालन करना पड़ रहा है.’
‘अगर मैं बोल्ड चुटकुले सुनाती तो…’
कई और कॉमेडियन भी इस फेस्टिवल को पाखंडी बता रहे हैं. उनका कहना है कि सऊदी शासन के लिए परफॉर्म करते हुए अभिव्यक्ति की आजादी की वकालत बेमानी है.
स्टैंड-अप कॉमेडियन मिशेल वुल्फ ने भी फेस्टिवल का न्यौता ठुकरा दिया है. हालांकि, वो प्रेग्नेंट भी हैं इसलिए फेस्टिवल में नहीं जा सकीं. वो मजाक में कहती हैं, ‘अगर मैं सऊदी अरब में अपने बोल्ड चुटकुले सुनातीं तो शायद सरकार मुझे मरवा देती.’
मार्क मैरन और शेन गिलिस ने भी फेस्टिवल की आलोचना की. गिलिस ने अपने पॉडकास्ट में दावा किया कि उन्हें परफॉर्म करने के लिए बड़ी रकम की पेशकश की गई थी, जिसे बाद में दोगुना कर दिया गया, लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया. गिलिस ने कहा, ‘मैंने अपने उसूलों से समझौता करने से मना कर दिया. आप अपने दोस्तों के साथ 9/11 जैसा कुछ नहीं कर सकते.’
कॉमेडी फेस्टिवल का समर्थन
हालांकि, कुछ कॉमेडियन्स कॉमेडी फेस्टिवल का बचाव भी कर रहे हैं. कॉमेडियन बिल बर इवेंट में परफॉर्म कर चुके हैं और उन्होंने अपने पॉडकास्ट में कॉमेडी फेस्टिवल की काफी तारीफ की. उन्होंने कहा कि शो से पहले वो घबराए हुए थे लेकिन रियाद का शो उनके करियर का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन था.
बर ने इस बात की पुष्टि की कि कॉमेडियनों को इस्लाम या शाही परिवार पर मजाक करने की अनुमति नहीं थी. फिर भी, उन्होंने दावा किया कि शाही परिवार और दर्शकों ने उनके शो का भरपूर आनंद लिया.
उन्होंने कहा, ‘उन्हें अपनी छवि का अंदाजा है, इसलिए वो हमसे और भी ज्यादा दोस्ताना तरीके से पेश आ रहे थे.’
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