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Vijayadashami: दशहरे पर कानपुर के इस मंदिर में होती है रावण की पूजा, साल में सिर्फ एक दिन है खुलता – Vijayadashami Special Ravana is worshipped Kanpur temple on Dussehra lclam


उत्तर प्रदेश के कानपुर के शिवाला में स्थित एक मंदिर में रावण की पूजा की जाती है. यह मंदिर साल में सिर्फ दशहरे के दिन ही खुलता है. इस दिन भक्त यहां विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. यहां रावण को बुराई का प्रतीक मानकर नहीं, बल्कि उसकी विद्वत्ता और शक्ति के लिए पूजा जाता है. 

आपको बता दें कि आज दशहरा है. ऐसे में कानपुर के शिवाला में लोग रावण मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे हैं. यह उत्तर भारत का एकमात्र रावण मंदिर है. जिसमें केवल केवल दशहरे के दिन ही पूजा होती है. इस दिन मंदिर सुबह 9 बजे खुलता है और शाम को एक साल के लिए बंद कर दिया जाता है. भक्त यहां तेल के दिए जलाकर मन्नतें मांगते हैं. 

इस मंदिर का निर्माण 100 साल पहले महाराज गुरु प्रसाद शुक्ल ने करवाया था. रावण को एक प्रकांड पंडित और भगवान शिव का परम भक्त माना जाता था. इसी कारण कैलाश मंदिर परिसर में रावण का यह मंदिर बनाया गया. मान्यता है कि रावण की पूजा से प्रसन्न होकर मां छिन्नमस्तिका ने उसे वरदान दिया था कि उनकी पूजा तभी सफल होगी जब भक्त रावण की भी पूजा करेंगे. 

206 साल पुराना है इतिहास

बताया जाता है कि करीब 206 साल पहले, 1868 में, तत्कालीन राजा ने मां छिन्नमस्तिका का मंदिर बनवाया था. इसी मंदिर में उनके प्रहरी के रूप में रावण की करीब पांच फुट की मूर्ति स्थापित की गई थी. विजयादशमी के दिन मां छिन्नमस्तिका की पूजा के बाद रावण की आरती होती है. इस दौरान रावण को सरसों के दीपक और पीले फूल चढ़ाए जाते हैं.

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