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कानपुर: फर्जी आधार कार्ड बनवाकर डांडिया देखने पहुंचे सुहैल और सैफी, महिलाओं से छेड़खानी के बाद गिरफ्तार – kanpur suhail saifi went to watch dandiya fake aadhaar cards arrest lclnt


कानपुर के चकेरी इलाके में सोमवार रात डांडिया कार्यक्रम में अचानक हंगामा खड़ा हो गया. जगदंबा गेस्ट हाउस में चल रहे इस आयोजन में सैकड़ों लोग पारंपरिक वेशभूषा में डांडिया का आनंद ले रहे थे. रंग-बिरंगी रोशनी और ढोल-नगाड़ों की थाप के बीच महिलाएं और युवतियां सज-धजकर नाच रही थीं. इसी बीच भीड़ में दो युवक महिलाओं से छेड़खानी करते और उन पर अश्लील टिप्पणियां करते पकड़े गए.

लोगों ने दोनों को रंगे हाथों पकड़ लिया और तुरंत कार्यक्रम स्थल पर मौजूद महिला दरोगा को सूचना दी. जब उनसे पूछताछ की गई, तो दोनों युवक अपना डांडिया पास दिखाकर बहाना बनाने लगे. पहले तो माहौल तनावपूर्ण हो गया, लेकिन जब गहन जांच की गई तो यह खुलासा हुआ कि दोनों युवक मुस्लिम समुदाय से हैं. उनके नाम सुहेल और सैफी बताए गए.

पुलिस ने जब और पूछताछ की तो सामने आया कि दोनों ने आधार कार्ड में बदलाव करवा कर किसी तरह रजिस्ट्रेशन कराया और डांडिया कार्यक्रम में प्रवेश पाया. यह जानकारी मिलते ही मौके पर मौजूद लोग और आयोजक हैरान रह गए. डांडिया समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि रजिस्ट्रेशन हमेशा जांच-परखकर किया जाता है, लेकिन दोनों ने पहचान छुपाकर अंदर प्रवेश किया था. अब इस मामले की पूरी जांच की जा रही है ताकि यह साफ हो सके कि आखिरकार उन्होंने इस तरह का कदम क्यों उठाया.

डांडिया इवेंट में महिलाओं से छेड़खानी के आरोप में सुहैल और सैफी अरेस्ट किए गए.

डीसीपी सत्यजीत गुप्ता ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों युवकों को महिलाओं से छेड़खानी और अश्लील कमेंट करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस का कहना है कि कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

अक्सर लगते रहते हैं आरोप
डांडिया जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अक्सर ऐसे विवाद सामने आते रहे हैं. कई बार हिंदू संगठन आरोप लगाते रहे हैं कि दूसरे समुदाय के युवक यहां आकर महिलाओं से छेड़छाड़ करते हैं. पिछले साल भी बजरंग दल ने कई युवकों को पकड़कर पुलिस को सौंपा था, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे.

कुछ मुस्लिम धर्मगुरु भी इस पर चिंता जता चुके हैं और मुस्लिम युवकों से अपील कर चुके हैं कि वे ऐसे आयोजनों में बिना निमंत्रण शामिल न हों, क्योंकि यह हिंदू समाज का निजी कार्यक्रम है. लेकिन जिस तरह सुहेल और सैफी ने पहचान छुपाकर डांडिया में प्रवेश किया और महिलाओं के साथ अभद्रता की, उससे साफ है कि उनकी मंशा ठीक नहीं थी. इस घटना ने एक बार फिर इन आयोजनों की सुरक्षा और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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