प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को दिल्ली में संघ के शताब्दी समारोह में शामिल हुए, जहां उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 साल पूरे होने पर एक डाक टिकट और एक सिक्का जारी किया. इस सिक्के के एक तरफ सत्यमेव जयते और भारत-इंडिया लिखा है और दूसरी तरफ भारत माता और संघ कार्यकर्ताओं की आकृति उकेरी गई है और उनके साथ में लिखा है ‘राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के 100 वर्ष. इस डाक टिकट और सिक्के को जारी करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने दो बड़ी बातें कहीं.
पहली बात ये कि संघ और उसके स्वयंसेवकों का एक ही उद्देश है राष्ट्र प्रथम और दूसरी बात ये कही कि संघ के पास एक ऐसा रोडमैप है, जिससे घुसपैठियों की चुनौती से निपटा जा सकता है.
पीएम मोदी ने कहा कि दूसरे देशों पर आर्थिक निर्भरता, हमारी एकता को तोड़ने की साजिशें, डेमोग्राफी में बदलाव के षड़यंत्र, हमारी सरकार इन चुनौतियों से तेजी से निपट रही है, उन्होंने कहा कि मुझे ये खुशी है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी इन चुनौतियों से निपटने के लिए ठोस रोडमैप भी बनाया है.
आज हर कोई ये जानना चाहता है कि घुसपैठियों से निपटने का संघ मॉडल क्या हो सकता है, तो संघ के पास पूरे भारत में 1 करोड़ से ज्यादा कार्यकर्ता हैं, जिनकी जिला, तालुका और ग्रामीण स्तर पर काफी मजबूत पकड़ है और ये स्वयंसेवक घुसपैठियों की पहचान में पुलिस और प्रशासन की मदद कर सकते हैं और संघ ने बार-बार इस बात को दोहराया है कि घुसपैठियों के खिलाफ देश की मजबूत नीति और कानून होना चाहिए और आज प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस बात को कह दिया है कि उनके पास घुसपैठियों के खिलाफ संघ का रोडमैप है.
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